Market Outlook: बीते हफ्ते आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को ट्रेडिंग खत्म होने पर बीएसई का सूचकांक सेंसेक्स 1181 अंकों की तेजी के साथ 61,795 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 321 अंकों की उछाल के साथ 18,349 पर बंद हुआ है. इस शानदार तेजी के बाद अब सोमवार को शेयर बाजार के लिए अच्छे संकेत बन रहे हैं जिनके बारे में एक्सपर्ट उम्मीद जता रहे हैं. बाजार की चाल आगे कैसे रहने वाली है इस पर CNI रिसर्च के सीएमडी किशोर ओस्तवाल ने अपनी राय दी है और शेयर बाजार के आगे के आउटलुक पर अपना अनुमान दिया है.
निफ्टी के लिए किशोर ओस्तवाल की राय
किशोर ओस्तवाल का कहना है कि 18400 का लेवल छूने के बाद निफ्टी 18,000 के नीचे ऐसे आ गया था जैसे सब तेजी खत्म हो गई हो. हम बाजार में गिरावट देखते हैं खासकर तब जब निफ्टी ऊंचाई पर जा चुका होता है, हर बार बियर पूरी तेजी से वार करते हैं और इसमें कोई अपवाद नहीं देखा जाता है. हालांकि हमारे नजरिए में निश्चित तौर पर कोई बदलाव नहीं हुआ है. निफ्टी में 18400 का लेवल टिक नहीं पाया और हम कह सकते हैं कि सिर्फ 200 अंकों की गिरावट आई है. वीकली एक्सपायरी की बात करें तो ऑप्शन राइटर्स के लिए हमेशा कुछ ना कुछ खास रहता है. वर्ना ऑप्शन कारोबार खात्मे पर आ जाएगा जो कि कभी नहीं हो सकता है. बाजार को चलाने वाले निफ्टी को उस तरह से चला सकते हैं जिस तरह वो चाहते हैं और ऑप्शन प्रीमियम को ले सकते हैं. देश में 12 करोड़ निवेशक हैं जो किसी भी यूरोपीय देश से ज्यादा हैं और इनमें से 50 फीसदी ऑप्शंस में ट्रेड करते हैं तो मार्केट मूवर्स के लिए काम पूरा हो जाता है. लेनदेन के इस बाजार में अगर मार्केट मूवर्स को कमाना है तो किसी ना किसी को नुकसान जरूर उठाना पड़ेगा.
हालांकि ये बड़ा सवाल है कि बाजार में मौजूदा लेवल क्यों आया है? क्या डाओ जोंस में करेक्शन आया है या इस वजह से कि अमेरिकी मध्यावधि चुनाव हो चुके हैं. या फिर इस कारण से कि मीडिया और कुछ चुनिंदा विशेषज्ञों ने बाजार में 20, 25, 500 अरब डॉलर की पूंजी आने की घोषणा की है जिससे बाजार में उछाल का जश्न देखा जा रहा है.
फ्यूचर एंड ऑप्शन स्टॉक्स में चाल
जहां तक बाजार की बात है तो कहा जाता है कि इसमें ऐसा कुछ भी नया नहीं है और इसे टाला नहीं जा सकता है. हालांकि हम इस रुझान के आधार पर बाजार में नए साल के समय खरीदारी नहीं कर सकते हैं. फ्यूचर एंड ऑप्शन स्टॉक्स की हरकत ऑप्शन को ध्यान में रखकर होती है ना कि पूंजी की आमद पर निर्भर होती है. बाजार में पूंजी का प्रवाह रातोंरात नहीं आता और ये अलग-अलग सेक्टर्स में बंटा होता है (सिवाय बैंकिंग और आईटी के) जैसे विशेषकर ऑटो और मेटल्स में जाता है. मेरा नजरिया मेटल्स पर तेजी का है पर इसके स्पष्ट नतीजे देखने के लिए 60 दिन का इंतजार करूंगा.
बाजार ऑलटाइम हाई पर जाएगा
इसी दौरान ये भी कहा गया कि मंहगाई दर में गिरावट आएगी और ऐसा हुआ भी है. डाओ जोंस की 1200 अंकों की तेजी और एसजीएक्स निफ्टी के 18400 से ज्यादा के लेवल के चलते सभी शॉर्ट सेलिंग करने वाले ट्रेडर्स फंस चुके हैं. महंगाई दर के अलावा अमेरिकी डॉलर में भी गिरावट आ रही है जो कुल मिलाकर भारतीय बाजार के लिए और मेटल्स के लिए पॉजिटिव संकेत हैं. बाजार इस समय बेहद बुलिश ट्रेंड लिए हुए है और 21,000 के लेवल पर जाने के लिए तैयार है. चाहे जो भी हो पर इसमें मंदड़ियों का बहुत बड़ा रोल रहेगा. इस हफ्ते हमने देखा कि गिरावट का नजरिया लिए हुए बियर 18200 और 18000 के बीच भारी शॉर्ट सेलिंग कर रहे हैं और अब ये बाजार को इसके ऑलटाइम हाई पर ले जाएंगे.
माइक्रो-कैप स्टॉक्स को फायदा मिलेगा
एक बार बाजार ऑलटाइम हाई को पार कर जाएगा तो रिटेल भागीदारी इसमें बहुत ऊंची रहेगी. इसका निश्चित तौर पर माइक्रो-कैप स्टॉक्स को बहुत फायदा मिलेगा जिन्होंने हाल ही में शानदार नतीजे दिखाए हैं. CNI के अंतरिक्ष के अलावा आरडीबी रसायन, एएमडी, इंटीग्रा इंजीनियरिंग, इंस्पायरीसिस, एमके एग्जिम, त्रिवेणी ग्लास ने जबरदस्त नतीजों की घोषणा की है. माइक्रो-कैप कंपनियों ने अपने को साबित करने के लिए समय लिया है. जिन्होंने खुद को साबित किया है वो जल्द ही स्मॉलकैप बन जाएंगे. यहां ऊपर बताई गई कंपनियां स्मॉलकैप कंपनियां बनने की ओर अग्रसर हैं.
कुछ कंपनियां हैं अंडरवैल्यूड
कुछ माइक्रो-कैप कंपनियों का अच्छा मुनाफा घोषित करना अभी बाकी है लेकिन उनका राजस्व साफ तौर पर ये इंगित करता है कि ये अंडरवैल्यूड हैं. आप किसी कंपनी को केवल उसके मुनाफे के आधार पर नहीं आंक सकते. अगर ऐसा होता तो नायका का शेयर 100 रुपये या उससे कम के दाम पर ट्रेड कर रहा होता. वहीं जेट एयरवेज 10 रुपये या उससे कम के दाम पर होता. कंपनियों के लिए सबसे अहम मानक उनका राजस्व है. उदाहरण के लिए सुनील एग्रो ने अच्छा मुनाफा नहीं प्रदर्शित किया है पर इसका एक तिमाही का 56 करोड़ रुपये का राजस्व इसके लिए 225 करोड़ रुपये के सालाना राजस्व को दिखाता है. इसका मौजूदा मार्केट कैप 50 करोड़ रुपये से कम है जो साफ तौर पर संकेत देता है कि शेयर भारी डिस्काउंट पर मिल रहा है. इसमें एक बड़ा कॉर्पोरेट एक्शन अचानक से दिख सकता है और तब हमें अहसास होगा कि मैंने कंपनी के बारे में क्या कहा था.
पुराने शेयरों ने किया है शानदार प्रदर्शन
शेयरों में मेरे पुराने चुनाव को उठाकर देख लें जैसे कि सेरा सेनेट्रीवेयर, वीआईपी, ओरिएंट एरोमैट्रिक्स, संदूर मैंग्नीज, विष्णु कैमिकल्स शेयरों को देखें. आप पाएंगे कि जब कुछ साल पहले इन शेयरों को मैंने पिक किया था, उस समय इनका मुनाफा खराब था लेकिन राजस्व इसी समान स्तर पर थे. ये सभी कंपनियां आज मिडकैप बन चुकी हैं.
दो बेहतरीन शेयरों के बारे में जानें जिनको किया गया था पिक
मुझे निफ्टी का वैल्यूएशन बार-बार एक्सप्लेन करने की जरूरत नहीं है पर अगर आप ट्रेडर हैं तो निफ्टी में तेजी का नजरिया रखें और गिरावट पर खरीदारी की रणनीति रखें. वहीं अगर आप निवेशक हैं तो वैल्यू स्टॉक्स को खरीदने की कोशिश करें जो कि आपको कम से कम 100 फीसदी रिटर्न देंगे और इनमें से कुछ मल्टीबैगर बन सकते हैं. मल्टीबैगर स्टॉक आइडियाज को एंजॉय करने के क्रम में आपको शेयरों को कम से कम 3,5 या 7 साल रखने की जरूरत है. जैसे कि आप शिवालिक को देख सकते हैं जिसे मैंने 16 के भाव पर चुना था और अब ये शेयर 650 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आ चुका है. वहीं विष्णु कैमिकल्स का शेयर जिसे 70 रुपये पर चुना था और अब ये 2000 रुपये प्रति शेयर पर आ चुका है. दरअसल ऐसे 200 शेयर हैं लेकिन मुझे शेयरों का भाव ट्रेक करने की आदत नहीं है. मुझे सिर्फ तब अहसास होता है जब 23000 के CNI परिवार में से कोई मुझे अपने चुनाव के बारे में याद दिलाता है.
इन चार शेयरों के बारे में जानना है जरूरी
मेटल कोटिंग्स, अल्पाइन हाउसिंग, आकार ऑटो और आर्टइफेक्ट ये चार कंपनियां हैं जो इस समय 80-90 फीसदी डिस्काउंट पर कारोबार कर रही हैं और ये आगे चलकर लंबे समय में निश्चित तौर पर 10-20 गुना मल्टीबैगर साबित हो सकते हैं. जब ऑपरेटर्स कीमतों को नीचे लाते हैं तो ही आपको उन्हें पीछे छोड़ना है और तब ही आप मुनाफा कमा पाएंगे. उदाहरण के लिए ऑपरेटर्स आंचल इस्पात का शेयर केवल 10 रुपये प्रति शेयर पर ले आए और इसका किसे फायदा मिला? हमने इस कंपनी को 5 रुपये के शेयर भाव पर पहचान लिया था जिससे वो हमारी बैलेंसशीट को नुकसान नहीं पहुंचा पाए और अब देखें तो शेयर 52 हफ्तों के उच्च स्तर के करीब आ चुका है. मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि अगले 12 महीनों में ये शेयर कम से कम 5 गुना हो जाएगा.
शेयरों की डिटेल्ड रिपोर्ट पढ़ने का असर
मेटल कोटिंग्स पर हमारा डिटेल्ड नोट पढ़िए जहां हमने एक इंडस्ट्री के जानकार का नजरिया रखा था. इसके मुताबिक एक लाख टन का प्लांट 30 लाख डॉलर से कम पर नहीं लगाया जा सकता है. इसका मतलब है कि आंचल इस्पात और मेटल कोटिंग्स के प्लांट की वैल्यू क्रमशः 300 औ 500 करोड़ बैठती है. इसका करेंट मार्केट कैप क्रमशः 40 और 70
करोड़ पर है तो आप लंबी अवधि में पैसा कहां गंवा सकते हैं. तो अगर ऑपरेटर्स शेयरों की कीमत नीचे लाते हैं (आंचल इस्पात में पहले ही कर चुके हैं) तो इन शेयरों में खरीदारी का ये शानदार मौका है. ऑपरेटर्स अल्पाइन हाउसिंग के शेयर को 93 रुपये के हाई से 61 रुपये तक नीचे ला चुके हैं और ये समय अल्पाइन हाउसिंग के शेयर को खरीदने का सबसे अच्छा समय है क्योंकि ये सबसे अच्छे सेक्टर्स में से एक में है. इस कंपनी के पास 90 एकड़ का लैंड बैंक है और कंपनी अपनी आंतरिक वैल्यू के केवल 2 से 5 फीसदी पर ट्रेड कर रही है.
वहीं अगर आप कैश में इंवेस्ट नहीं करना चाहते तो टेक्नीक के बीच स्विच करने का उपयोग करना चाहिए.
Disclaimer: यहां बताए गए शेयर CNI Research के शोध वाले शेयर्स हैं. निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की सलाह अवश्य लें. किसी भी तरह के नुकसान के लिए ABPLive.com जिम्मेदार नहीं है.
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