कोरोना संकट के बावजूद तीसरी तिमाही में मारुति का मुनाफा 24 फीसदी बढ़ा
मारुति सुजुकी इंडिया ने भले ही मुनाफा दर्ज किया हो लेकिन कमोडिटी की कीमतें बढ़ने से कंपनी पर दबाव है. हो सकता है आने वाले वक्त में कंपनियों की गाड़ियां महंगी हो जाएं.
कोरोना संकट की वजह से स्लोनडाउन के बावजूद मारुति सुजुकी इंडिया के शुद्ध मुनाफे में 24 फीसदी का इजाफा हुआ है. दिसंबर तिमाही में इसके पिछले साल ( 2019) की दिसंबर तिमाही की तुलना में शुद्ध मुनाफे में लगभग एक चौथाई की बढ़त दर्ज की गई. मारुति सुजुकी इंडिया का दिसंबर तिमाही में मुनाफा सालाना आधार पर करीब 24.1 फीसदी बढ़कर 1,941.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. पिछले साल ( 2019) की समान तिमाही में कंपनी को 1,565 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इस दौरान कंपनी के रेवेन्यू में भी 13.3 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली. हालांकि मुनाफे के बावजूद शेयर मार्केट में इसके शेयर गिर गए.
मुनाफे के बावजूद शेयरों में गिरावट
वित्त वर्ष 2019-20 की दिसंबर तिमाही के दौरान मारुति सुजुकी इंडिया का नेट प्रॉफिट 1941.1 करोड़ रुपये रहा. जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में दिसबंर तिमाही में नेट प्रॉफिट 24 फीसदी बढ़ कर 1,860 करोड़ रुपये हो गई. नॉन ऑपरेटिंग प्रॉफिट में इजाफे की वजह से नेट प्रॉफिट में भी इजाफा हुआ. हालांकि इस मुनाफे के बावजूद गुरुवार को मारुति सुजुकी इंडिया के शेयर 3.56 फीसदी गिर कर 7568.25 रुपये पर आ गए.
कच्चा माल महंगा होने से मारुति सुजुकी इंडिया पर दबाव
कमोडिटी की कीमतें बढ़ने की वजह से मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड का प्रदर्शन प्रभावित हुआ था. हालांकि घरेलू पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अच्छी ग्रोथ होने की संभावना जताई जा रही है. उम्मीद है कि कंपनी के बिजनेस में नए वित्त वर्ष के दौरान इजाफा होगा. पिछली तिमाही मारुति सुजुकी इंडिया के गाड़ियों की 4,95,897 यूनिटें बिकी थीं. पिछले साल की समान अवधि की तुलना में यह 13.4 फीसदी अधिक है. इस वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर तक मारुति सुजुकी 9,65,626 वाहनों की बिक्री की. यह पिछले साल की तुलना में 18 फीसदी कम है.