Job Crisis: नौकरियों पर संकट साल 2023 से ही जारी है. दुनियाभर में अब तक लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. जॉब्स के लिए मई भी कुछ खास नहीं रहा. पिछले महीने भी लगभग 9000 लोगों की नौकरियां गई हैं. यह छंटनी 39 कंपनियों में हुई है. हालांकि, राहत भरी बात यह रही कि इस आंकड़े में अप्रैल के मुकाबले कमी आई है. अप्रैल में 50 कंपनियों में 21,473 लोगों ने नौकरी गंवाई थी.
39 कंपनियों से निकाले गए 9,742 कर्मचारी
दुनियाभर में छंटनी पर नजर रखने वाली वेबसाइट लेऑफ्स एफवाईआई (layoffs.fyi) के आंकड़ों के आधार पर टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट दी है कि छंटनी का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. मई में भी छंटनी जारी रही है. पिछले महीने 39 कंपनियों में 9,742 कर्मचारियों को निकाला जा चुका है. हालांकि, यह आंकड़ा अप्रैल के मुकाबले काफी कम है. अप्रैल में 50 कंपनियों में 21 हजार से ज्यादा लोगों की छंटनी हुई थी.
गूगल और तोशीबा ने हजारों लोगों को घर भेजा
रिपोर्ट के अनुसार, गूगल (Google) ने पिछले महीने भी लगभग 200 लोगों की छंटनी की है. इनमें से ज्यादातर इंजीनियर अमेरिका में ही काम कर रहे थे. अल्फाबेट इंक पिछले साल से ही लगातार लोगों को नौकरी से निकाल रही है. वह अपने वर्कफोर्स में लगभग 6 फीसदी की कटौती करना चाहती है. इसके अलावा जॉब सर्च वेबसाइट इनडीड (Indeed) ने भी 1000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. तोशीबा (Toshiba) ने रीस्ट्रक्चरिंग के नाम पर 4000 लोगों की छंटनी की है. इसके अलावा कंपनी पैसा बचाने के लिए अपने कुछ ऑफिस कामकाज टोक्यो से कावासाकी शहर में ट्रांसफर करने वाली है.
कॉस्ट कटिंग और रीस्ट्रक्चरिंग के नाम पर जा रहीं नौकरियां
टिकटोक (TikTok) ने भी लगभग 1000 कर्मचारियों की छंटनी का फैसला लिया है. उधर, वालमार्ट जैसी दिग्गज कंपनी भी छंटनी के रास्ते पर आगे बढ़ गई है. माइक्रोसॉफ्ट भी पीछे नहीं है. उसने भी अपने गेमिंग डिवीजन से कई लोगों को निकाला है. साथ ही टेस्ला में भी अभी तक छंटनी का दौर जारी है. इसके अलावा कई और कंपनियों में भी कॉस्ट कटिंग और रीस्ट्रक्चरिंग के नाम पर लोगों की नौकरियां छीनी गई हैं.
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