Medicine Cost Impact: देश में स्वास्थ्य संबंधी खर्चों (Health Expenditure) में सबसे ज्यादा हिस्सा दवाओं पर होता है. इसके बाद यात्रा, भोजन और आवास का स्थान है. ‘कॉम्पोनेंट्स ऑफ आउट ऑफ पॉकेट एक्सपेंडिचर एंड रिलेटिव कॉन्ट्रिब्यूशन नाम की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. इस रिपोर्ट को नीति आयोग (NITI Aayog) से जुड़े शोधकर्ताओं, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पॉप्यूलेशन साइसेंज ने संयुक्त रूप से तैयार किया है. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अस्पताल से बाहर रहकर इलाज कराने वाले लोगों का स्वास्थ्य पर वार्षिक खर्च अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करा रहे लोगों से कहीं अधिक है.
इस स्टडी के दौरान अस्पताल (Hospital) में रहकर इलाज करा रहे 43,781 मरीज और अस्पताल के बाहर से इलाज करा रहे 8,914 मरीजों के खर्च को देखा गया. इनमें ग्रामीण और शहरी दोनों स्थानों के मरीज शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हेल्थकेयर पर खर्च होने वाली कुल रकम का 63 प्रतिशत हिस्सा जेब से जाता है. वहीं, बीमा भारत में स्वास्थ्य पर खर्च होने वाली कुल राशि का 12 प्रतिशत कवर करते हैं.
खर्च का हिसाब किताब
रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल में रहकर इलाज करवा रहे प्रत्येक मरीज पर 21,385 रुपये और अस्पताल के बाहर वाले मरीज पर 27,913 रुपये खर्च हो रहे हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य खर्च का सबसे बड़ा हिस्सा दवाओं पर हो रहा है. अस्पताल में रहने वाला मरीज दवाओं पर 29.1 प्रतिशत और अस्पताल के बाहर वाला मरीज 60 प्रतिशत खर्च कर रहा है. अस्पताल में रहने वाला मरीज अपने कुल स्वास्थ्य खर्च का 15.3 प्रतिशत हिस्सा डॉक्टर के परामर्श पर खर्च रहा है. वहीं, अस्पताल के बाहर रहने वाले मरीज के मामले में यह 12.4 प्रतिशत है. नॉन मेडिकल चीजों पर अस्पताल वाले मरीज 23.6 प्रतिशत और अस्पताल के बाहर वाले मरीज 14.6 प्रतिशत खर्च कर रहे हैं.
नियम कानूनों की जरूरत
रिसर्च रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि केंद्र व राज्य सरकारों को मंथन कर दवा और डायग्नोस्टिक टेंस्टिंग मार्केट को रेग्युलेट करने की जरुरत है. रिपोर्ट के मुख्य लेखक एस.वी. सुब्रमण्यम ने कहा है कि देश में एक जगह से दूसरी जगह उपचार के लिए जा रहे लोगों को सरकार से गंतव्य स्थान तक बेसिक केयर मिलनी चाहिए. इससे यात्रा पर निजी खर्च में कमी आएगी. उन्होंने ये भी कहा कि जिला अस्पतालों के आसपास रहने के लिए सस्ते स्थान व भोजन की व्यवस्था मुहैया करानी चाहिए.
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