ऐसा सपनों में या बॉलीवुड सिनेमाओं में होता है कि रातोंरात लोग करोड़पति बन जाते हैं. हकीकत में ऐसा शायद ही कभी होता है, लेकिन पाकिस्तान के इस मछुआरे के लिए यह शायद सच साबित हो गया है. सालों से रोज मछली पकड़ रहे मछुआरे के साथ अचानक जो हुआ, उसने खुद भी कभी सपने में नहीं सोचा होगा.
इस मछली ने बदल दी किस्मत
सिनेमाई लगने वाली यह कहानी घटी है पाकिस्तान के कराची में रहने वाले हाजी बलुच के साथ, जो पेशे से मछली पकड़ने का काम करते हैं. हाजी बलुच कराची के बेहद मामूली से गांव इब्राहिम हैदरी के रहने वाले हैं. उन्हें हाल ही में एक दिन मछली पकड़ते हुए ऐसी मछली हाथ लग गई, जिसने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया. गरीबी में जीवन-यापन कर रहे हाजी बलुच एक झटके में करोड़पतियों की कतार में खड़े हो गए.
दवाओं में होता है इस्तेमाल
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल इस कहानी में हुआ ये कि हाजी बलुच और उनकी टीम के हाथों ऐसी मछली लगी, जो विलुप्तप्राय है और बेशकीमती है. इस मछली को सोवा नाम से जाना जाता है और बताया जाता है कि उसका इस्तेमाल कई तरह की दवाएं बनाने में होता है. हाजी बलुच और उनकी टीम के लिए यह मछली सोने का खजाना साबित हुई.
नीलामी में मिले इतने रुपये
पाकिस्तान के फिशरमैन फॉक फोरम के प्रतिनिधि मुबारक खान के हवाले से पीटीआई ने बताया है कि हाजी बलुच और उनकी टीम को मिली सोवा मछली की नीलामी शुक्रवार तड़के कराची हार्बर पर हुई. नीलामी में उन्हें 70 मिलियन पाकिस्तानी रुपये की भारी-भरकम रकम मिली. भारतीय करेंसी में यह रकम 2.05 करोड़ रुपये के बराकर हो जाती है.
ऐसी होती है सोवा मछली
बलुच बताते हैं कि उन्होंने और उनकी टीम ने मिलकर 10 सोवा मछलियों को पकड़ने में सफलता हासिल की. उन्हें हर मछली के लगभग 7 मिलियन पाकिस्तानी रुपये के भाव मिले हैं. आपको बता दें कि सोवा मछली बड़ी प्रजाति की होती है. यह मछली साइज में डेढ़ मीटर तक बड़ी होती है और उसका वजन 20 से 40 किलो के बीच होता है. दवाओं में इस्तेमाल और बेहद कम पाए जाने के चलते इस मछली के भाव आसमान पर रहते हैं.
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