Political Donation: ट्रस्ट के जरिए राजनीतिक चंदा देने वाले टॉप 10 कॉरपोरेट्स की आई लिस्ट, मेघा इंजीनियरिंग, सीरम इंस्टीच्युट, आर्सेलर मित्तल सबसे आगे
Political Donation: वित्त वर्ष 2022-23 में 35 कॉरपोरेट्स बिजनेस हाउसेज ने 360.46 करोड़ रुपये प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को दान में दिए जिसने 256.25 करोड़ बीजेपी को दिए.
Political Funding: चुनाव सुधार को लेकर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रैटिक्स रिफॉर्म्स (ADR) ने चुनावी ट्रस्ट में दान देने वाली 10 दिग्गज कॉरपोरेट्स के नामों का खुलासा किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक टॉप 10 कॉरपोरेट डोनर्स ने कुल 332.26 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2022-23 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट नाम के चुनावी ट्रस्ट में दान किए हैं. इन टॉप 10 कॉरपोरेट्स में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने सबसे जियादा 87 करोड़ रुपये ट्रस्ट को दान में दिए हैं. जबकि दूसरे स्थान पर सीरम इंस्ट्रीच्युट और तीसरे स्थान पर आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील है.
एडीआर के रिपोर्ट के मुताबिक चुनावी ट्रस्ट में दान देने वाले टॉप 10 कॉरपोरेट्स में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा 87 करोड़ रुपये के दाम के स्थान पहले स्थान पर है. दूसरे स्थान पर वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीच्युट है जिसने 2022-23 में 50.25 करोड़ दान में दिए हैं. आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील 50 करोड़ रुपये के दाम के साथ तीसरे स्थान पर है. अभिनंद वेंचर्स 50 करोड़ के दान के साथ चौथे स्थान पर, 30 करोड़ रुपये के दाम के साथ मेधा सर्वो ड्राइव्स पांचवें स्थान पर मौजूद है. 25 करोड़ रुपये के दान के साथ आर्सलर मित्तल डिजाइन एंड इंजीनियरिंग छठे, 20 करोड़ रुपये के दान के साथ ग्रीनको एनर्जी सातवें, 10 करोड़ रुपये दान के साथ भारती एयरटेल 8वें स्थान पर है.
वित्त वर्ष 2022-23 में 39 कॉरपोरेट्स बिजनेस हाउसेज ने 363.715 करोड़ रुपये चुनावी ट्रस्ट को दान में दिए जिसमें 35 कॉरपोरेट्स बिजनेस हाउसेज ने 360.46 करोड़ रुपये प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को दान में दिए. प्रूडेंट चुनावी ट्रस्ट ने मुख्य तौर पर बीजेपी, बीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा दान दिया है. प्रूडेंट चुनावी ट्रस्ट ने 2022-23 में 256.25 करोड़ रुपये बीजेपी को दान में दिए. जबकि 2021-22 में ट्रस्ट ने 336.50 करोड़ रुपये दान में दिए थे. बीआरएस को ट्रस्ट ने 90 करोड़, वाईएसआर कांग्रेस को 16 करोड़ रुपये और आप को 0.90 करोड़ रुपये दान किए हैं.
एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चुनावी ट्रस्ट से उस कंपनी या कंपनियों के समूह के नाम का पता नहीं लगता जिसने उस ट्रस्ट को बनाया है. एडीआर के मुताबिक कॉरपोरेट्स के राजनीतिक दलों ती फंडिंग के डिटेल्स में पारदर्शिता लाने के ये जरुरी है कि चुनावी ट्रस्ट के साथ पैरेंट कंपनी के नाम भी घोषित की जाए.
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