Men’s grooming Industry : सुंदरता बढ़ाने वाले उत्पादों के विज्ञापन ज्यादातर किन लोगों को ध्यान में रखकर आते हैं. जाहिर है, आप कहेंगे कि महिलाओं को ध्यान में रखकर. लेकिन, ऑनलाइन शेयर ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म जिरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ की अगर मानें तो आप गलत हैं. क्योंकि, पुरुष भी अब महिलाओं की तरह ही सजने-संवरने लगे हैं.


इस कारण पुरुषों के सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों की रेंज भी अब बड़ी हो गई है और यह इंडस्ट्री अभी बूम पर है. पिछले आठ साल में ही Men’s  grooming Industry यानी पुरुषों के सौंदर्य प्रसाधन का कारोबार 857 फीसदी की उछाल पर है. कामथ का कहना है कि आगे यह इंडस्ट्री धमाका करने वाली है. यानी इससे जुड़े कारोबार में इतना अधिक उछाल होगा कि इसकी कल्पना तक मुश्किल है.


क्या है वजह


निखिल कामथ के तर्क थोड़े असहज कर देने वाले जरूर हैं पर बिल्कुल सहज हैं. वे कहते हैं कि पहले सजना-संवरना केवल महिलाओं का काम था. अब सोशल मीडिया ने पुरुषों को भी आदत बदलने के लिए मजबूर कर दिया है. अब वे सोशल मीडिया के पैमाने पर खरा उतरने के लिए महिलाओं की ही तरह निखरना चाहते हैं. इस कारण महिलाओं के ट्रेंड को अपनाने के लिए पुरुष मजबूर हो गए हैं. सोने से पहले पैर में क्रीम लगाकर सोने वाले पुरुष वर्ग को और भी सौंदर्य प्रसाधन विकल्पों की तलाश है. ऐसे में इस इंडस्ट्री की संभावना काफी व्यापक है. पुरुषों के लिए ज्वेलरी के सेक्टर में भी कारोबारी विकास की काफी संभावना है. 


हर साल नौ फीसदी करेगा विकास


भारत में पिछले साल तक Men’s  grooming Industry 1300 करोड़ 70 लाख की थी. इसे 2030 तक 2589 करोड़ 30 लाख तक हो जाने की संभावना है. इस तरह यह उद्योग सालाना नौ फीसदी की दर से विकास कर रहा है. भारत में दुनिया की पुरुष आबादी की 18 फीसदी रहती है. जो ग्लोबल कारोबार में 6.4 फीसदी तक का योगदान देती है. इसलिए इस क्षेत्र में कारोबार के विकास की काफी संभावना है.


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