आज के समय में युवाओं का जॉब करने का तरीका पहले की नौकरियों से काफी अलग हो गया है. आज के दौर में जेन-जी (Gen Z) 9 से 5 की नौकरी में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. वहीं ये युवा फ्रीलांसिंग और गिग इकोनॉमी की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं. क्योंकि इसमें ग्रोथ भी ज्यादा हो रही है और मेंटल प्रेशर भी कम हो रहा है.
फ्रीलांसिंग जैसे फील्ड जेन-जी की पहली पसंद बन रहे
आज के समय में जेन-जी की पहली पसंद फ्रीलांसिंग बन रही है. जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि इस फिल्ड में ग्रोथ भी ज्यादा हो रही है और मेंटल प्रेशर भी कम हो रहा है. फ्रीलांसिंग में आम नौकरी की तरह ज्यादा स्ट्रेस नहीं रहता है, यही वजह है कि यह जेन-जी की पहली पसंद बन रही है.
जॉब मार्केट में आ सकता है बदलाव
हाल के वर्षों में गिग इकोनॉमी तेजी से बढ़ी है. वहीं ऐसा माना जा रहा है कि गिग इकोनॉमी आने वाले वर्षों में जॉब मार्केट में बड़ा बदलाव ला सकती है. जिसकी वजह से युवा इसकी तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं.
कंपनियां भी फ्रीलांसरों को दे रही तरजीह
गिग इकोनॉमी के चलते जॉब मार्केट में बदलावा की उम्मीद की जा रही है. ऐसे में कंपनियां भी अब फुल टाइम एम्पलॉय की बजाय फ्रीलांसरों और कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड वर्कर्स पर ज्यादा भरोसा कर रही हैं. जिससे कंपनियों का खर्च भी कम हो रहा है और साथ ही उन्हें जरूरत के अनुसार कर्मचारी भी मिल रहे हैं.
क्या है गिग इकोनॉमी
गिग इकोनॉमी एक ऐसा सिस्टम है जिसमें कोई भी व्यक्ति परमानेंट नौकरी की बजाय फ्रीलांसिंग, कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड काम या प्रोजेक्ट आधारित काम करता है. इसमें कोई एम्पलाॅय एक कंपनी से जुड़े रहने के बजाय अलग अलग कंपनियों और क्लाइंट्स के साथ काम करता है. दरअसल, बढ़ते डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के कारण युवाओं में इसका क्रेज बढ़ रहा है.
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