Mera Bill Mera Adhikar: खरीदे गए सामान का बिल अपलोड कर पाएं 1 करोड़ रुपये तक का कैश प्राइज, जानें सरकार की नई स्कीम
Mera Bill Mera Adhikar: केंद्र सरकार की 'मेरा बिल मेरा अधिकार' योजना के जरिए खरीदे गए सामान का जीएसटी इनवॉइस अपलोड करने वालों को 1 करोड़ रुपये तक का कैश प्राइज जीतने का मौका मिलने वाला है.
Mera Bill Mera Adhikar: केंद्र सरकार जल्द ही 'मेरा बिल मेरा अधिकार' योजना को शुरू करने जा रही है. इसके जरिए जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के तहत खरीदे गए सामान की जीएसटी इनवॉइस अपलोड करने वालों को कैश प्राइज जीतने का मौका मिलने वाला है. ये कैश प्राइज 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का हो सकता है. इसके अंतर्गत आम लोगों को जल्द ही एक मोबाइल ऐप पर जीएसटी चालान अपलोड करने के लिए इनाम मिल सकता है.
कब आने वाली है योजना
मामले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि चालान प्रोत्साहन योजना के तहत रिटेल या होलसेल कारोबारी से मिले बिल (इनवॉइस) ऐप पर 'अपलोड' करने वाले लोगों को 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक का कैश पुरस्कार दिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द जारी किया जा सकता है.
कैसे दिया जाएगा कैश प्राइज
ये बिल मंथली या क्वार्टरली यानी मासिक या त्रैमासिक आधार पर लकी ड्रा में जा सकते हैं. इसके लिए सरकार ने कुछ शर्तों को भी लागू करने की बात की है जैसे कि हर महीने 500 लकी ड्रा कंप्यूटर की सहायता से निकाले जाएंगे जिसमें ग्राहकों को लाखों रुपये का इनाम मिल सकता है. इसके अलावा हर तीन महीने में ऐसे 2 लकी ड्ऱॉ होंगे जिनमें 1 करोड़ रुपये तक का प्राइज जीतने का मौका मिल सकता है.
मेरा बिल मेरा अधिकार योजना के बारे में और जानें-
'मेरा बिल मेरा अधिकार' ऐप आईओएस और एंड्रॉइड दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा.
ऐप पर अपलोड किए गए 'इनवॉइस' में कारोबारी का जीएसटीआईएन (GSTIN) इनवॉइस नंबर, पेमेंट की गई रकम और टैक्स राशि की जानकारी साफ-साफ लिखी होनी चाहिए.
एक अधिकारी ने कहा कि एक व्यक्ति एक महीने में अधिकतम 25 बिल 'अपलोड' कर सकता है. हर एक बिल की कम से कम राशि 200 रुपये होनी चाहिए.
क्यों लाई जा रही है ये स्कीम
इस स्कीम को इसलिए लाया जा रहा है जिससे ग्राहक अपनी खरीदी गई वस्तु के जरिए बिल लेने के लिए प्रोत्साहित हो सकें और ज्यादातर कारोबारी इसका पालन करें. जीएसटी इनवॉइस ज्यादा से ज्यादा जेनरेट होंगे तो कारोबारी टैक्स चोरी से बच सकेंगे.
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