Emergency Fund Plan: सीधे शब्दों में कहें तो आपात कोष (Emergency Fund Corpus) कैश रिजर्व की तरह होता है, जिसे किसी भी अचानक खर्च या वित्तीय आपात स्थिति का सामना करने के लिए अपनी अन्‍य बचत से अलग रखा जाता है. अगर किसी वजह से आपकी नौकरी छूट जाती है या आय का अन्‍य स्रोत बंद हो जाता है तो आपात कोष ही इसके लिए उपयोगी साबित हो सकता है.


2020 में आई भयंकर कोरोना महामारी के समय भी हजारों लोगों का रोजगार छिन गया था. ऐसे में जिन लोगों के पास आपात फंड था, उन्‍हें इस मुश्किल समय से निकलने में काफी आसानी हुई थी. जानिए विशेषज्ञों से कि एक आदमी को अपने लिए आपात फंड का चुनाव कैसे करना चाहिए?


कितनी राशि का बनाएं फंड?


आपात फंड बनाने को लेकर वैसे तो कोई तय नियम नहीं है, लेकिन आदर्श स्थिति यह होनी चाहिए कि किसी भी व्‍यक्ति का आपात फंड उसके मासिक खर्च के 6 से 12 महीने के बराबर होना चाहिए. इसमें सबसे जरूरी ये है कि आपका आपात फंड ऐसे माध्‍यम में जमा होना चाहिए, जहां से जब चाहें पैसे निकाल सकें. जैसे बचत खाता अथवा म्‍यूचुअल फंड.


यहां न रखें आपात फंड


किसी भी आपात फंड को स्‍टॉक या बॉन्‍ड में नहीं रखना चाहिए, क्‍योंकि इमरजेंसी फंड्स ज्यादातर मंदी के दौर में उपयोग किया जाता है और इस समय स्टॉक और बॉन्ड शायद कम कीमतों पर कारोबार कर रहें होंगे, जिससे आपको अपने कॉर्पस को निचले स्तर पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इन कदमों से आपके कॉर्पस का मूल्य घट जाएगा, जो आपके खर्चों को कवर करने के लिए शायद पर्याप्‍त न हो.


कैसे बनाएं आपात फंड?


विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी व्‍यक्ति को अपना खर्च तब निर्धारित करना चाहिए, जब वह निवेश की राशि को अलग निकाल लेता है. इसी तरह, यदि आप अपने फाइनेंस को अच्छी तरह से मैनेज करना चाहते हैं तो यह डिफ़ॉल्ट इक्वेशन होना चाहिए. जैसे आप अपनी आय का एक प्रतिशत स्टॉक या बॉन्ड में निवेश के लिए रखते हैं, उसी तर्ज पर आप हर महीने अपने आपात कोष के लिए भी एक निश्चित राशि का आवंटन कर सकते हैं जिससे आपकी मुश्किल आसान होती रहेगी.


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