नई दिल्ली: बीमा नियामक संस्था इरडा ने बीमा धारकों को बड़ी सुविधा प्रदान की है. अब उन्हें बीमा कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. बीमा धारक बीमा पॉलिसी लेते वक्त या उसका रिन्यूअल कराते वक्त अपनी पसंद का थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) चुन सकेंगे. इरडा की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है, “स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बीमा धारक उस टीपीए को चुन सकते हैं जिसके साथ बीमा कंपनी का सर्विस लेवल एग्रीमेंट है.” स्वास्थ्य बीमा उत्पाद और बीमा धारक की भौगोलिक स्थिति के आधार पर बीमा कंपनी टीपीए की संख्या सीमित कर सकती है. बीमा धारक को अपनी पंसद का उन्हीं टीपीए में से किसी को चुनने का विकल्प रहेगा. बीमा कंपनी बीमा धारक को पॉलिसी खरीदते या रिन्यूअल कराते वक्त टीपीए की सूची सौंपेगी, जिनमें से बीमा खरीददार किसी टीपीए को चुन सकेगा.


थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर का क्या है काम


थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर का काम स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में बहुत अहम होता है. एक टीपीए बीमा कंपनी और बीमा धारक के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है. इसका काम हॉस्पीटल बिल और दूसरे खर्चों की देखरेख करना होता है. आप जिस वक्त परिवार के किसी सदस्य या किसी दोस्त की बीमारी पर उसकी देखभाल करने में व्यस्त रहते हैं. तो अन्य काम थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर करता है. आपकी सेवा के लिए हर बीमा कंपनी थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करती है. आपको थर्डी पार्टी को प्रत्यक्ष तौर पर कुछ भी देना नहीं पड़ता है. थर्ड पार्टी कैशलेस क्लेम या इलाज के बाद क्लेम वापसी को एप्रूव कराने में मदद करता है. जैसे ही टीपीए को सूचित किया जाता है आपके क्लेम की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर देता है. कैशलेस क्लेम की सूरत में ये आपके अस्पताल से सारे डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा करता है. हालांकि, टीपीए क्लेम के खारिज होने या स्वीकृत होने का जिम्मेदार नहीं होता.


इरडा के सर्कुलर की मुख्य बातें


1. अगर बीमा कंपनी बीच में किसी टीपीए की सेवा खत्म करती है तो उसे सभी टीपीए की सूची बीमा धारकों उपलब्ध कराना होगा.


2. स्वास्थ्य बीमा उत्पाद की बिक्री या रेन्यूअल के वक्त कंपनी बीमा धारक को टीपीए की सूची उपलब्ध कराएगी. उसी के आधार पर बीमा धारक किसी टीपीए को चुन सकेंगे. हालांकि, बीमा धारक किसी टीपीए की सेवा खत्म नहीं करा सकेगा और ना ही कंपनी को सीधे स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए निवेदन कर सकता है.


3. अगर किसी बीमा धारक ने किसी टीपीए का चयन नहीं किया है तो बीमा कंपनी बीमाधारक को अपनी पसंद का टीपीए चुनने की स्वीकृित दे सकती है.


4. अगर किसी बीमा कंपनी के साथ केवल एक ही टीपीए जुड़ा हुआ है तो बीमा धारक को कोई विकल्प देने की जरूरत नहीं होगी.