(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अगर आप बैंक अकाउंट खोलने जा रहे हैं, तो इन बातों को जरूर जान लें
बैंक में खाता खोलने से पहले उससे संबंधित सभी योजनाओं के बारे में जानना बेहद जरूरी है. इससे आप कई योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं.
किसी भी काम को करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी कर लेने हमेशा फायदेमंद होता है. खासतौर से बैंकिंग के मामलों में यह सोच और भी ज्यादा लाभ दे सकती है. अगर आप बैंक में सेविंग अकाउंट खोलने के बारे में सोच रहे हैं, तो कुछ बातों के बारे में जानना बेहद जरूरी है. सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है. मिनिमम बैंलेंस हर बैंक का अलग-अलग होता है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के मिनिमम बैलेंस का अंतर होता है. ऐसे में आपके पास कुछ ऐसे ऑप्शन हैं, जिसमें आपको मिनिमम बैलेंस के झंझट से छुटकारा मिल सकता है.
खुलवा सकते हैं इस तरह का अकाउंट
अगर आप एक सामान्य सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं, तो आपको मिनिमम बैंलेस रखना पड़ेगा. यह सीमा 2000 रुपये से लेकर 10,000 तक हो सकती है. अगर इस खाते में आप मिनिमम बैलेंस को मेंटेन नहीं कर पाता, तो बैंक आपके ऊपर जुर्माना लगा देता है. जीरो बैलेंस खाते पर ऐसा कोई नियम लागू नहीं होता. जीरो बैलेंस सेविंग्स अकांउट (बीएसबीडी) को बेसिक सेविंग्स बैंक डिपोजिट अकाउंट (बीएसबीडीए) कहा जाता है. इसमें मिनिमम बैलेंस का कोई झंझट नहीं रहता.
हालांकि इस तरह खाते की कुछ लिमिटेशन भी होती हैं. इस तरह के खाते से सामान्य खाते की तुलना में लेन-देन की सीमा काफी कम होती है. ऐसे में अगर आप बड़ी रकम का लेन-देन करने के लिए खाता खुलवाने जा रहे हैं, तो इस तरह का खाता आपके लिए फायदेमंद नहीं होगा.
कुछ बैंकों में जीरो बैलेंस वाले खाताधारकों को पासबुक, चेकबुक, डेबिट कार्ड की सुविधाएं फ्री दी जाती हैं. हालांकि हर बैंक के अपने कुछ अलग नियम होते हैं. कुछ बैंकों में आपको अनलिमिटेड फ्री एटीएम के ट्रांजेक्शन का फायदा मिलता है. साथ ही नेटबैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की सेवाएं भी मुफ्त में दी जाती हैं.