Investment : नौकरीपेशा लोगों के लिए वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के लिए पैसे को बचाए रखना बड़ी चुनौती बन चुकी है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि अपनी बचत को किस जगह निवेश किया जाए, जिससे न सिर्फ रिटर्न अच्छे मिले, बल्कि भविष्य भी सुरक्षित हो सके, आइए जानते हैं उम्र और कमाई के हिसाब से बचत का सही फार्मूला क्या है और कहां हो सकता है.
आमतौर पर बचत के चार बड़े सेक्टर हैं, एफडी, पीपीएफ/ईपीएफ, एनपीएस और म्यूचुअल फंड. यूं तो हर सेक्टर के अपने नफे और नुकसान हैं, लेकिन अलग-अलग लक्ष्य के लिए इनका सही इस्तेमाल काफी फायदेमंद होगा. ऐसे में किसी भी निवेश को चार मानकों को जांचना जरूरी है. पहला रिस्क, दूसरा लिक्विडिटी यानी किसी भी समय पैसा डालना या निकाला, तीसरा टैक्स की राहत और चौथा रिटर्न.
एफडी
आप किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर जमा करा सकते हैं. यह बेहद कम रिस्क वाली स्कीम है, जिसकी लिक्विडिटी लॉक रहती है. यूं तो इस पर टैक्स की छूट मिलती है, लेकिन मिलने वाले निश्चित ब्याज पर कर देना होता है. इसका रिटर्न करीब आठ प्रतिशत होता है. चूंकि मेच्योरिटी पर मिलने वाली रकम ब्याज से मुक्त नहीं होती, इसलिए अंतिम रिटर्न 3:30 से 4:00 परसेंट ही पहुंच पाता है. एफडी 2-5 साल तक के लिए बेहतर है.
पीपीएफ/ईपीएफ
पीपीएफ के तहत कोई भी व्यक्ति बैंक में पेंशन खाता खुलवा सकता है. जबकि ईपीएफ में नौकरीपेशा लोगों के लिए कंपनियां खुद खाता खुलवाकर अपना और कर्मचारी का शेयर जमा करती हैं. इन दोनों की स्कीम में रिस्क कम है, क्योंकि यह गवर्नमेंट की बैकिंग से चलती है. इसमें लिक्विडिटी कम और रकम भी कम से कम 15 साल के लिए लॉक हो जाती है. इसमें सालाना टैक्स छूट तो है ही मेच्योरिटी पर भी टैक्स नहीं लगता. इसका एवरेज रिटर्न करीब 7:30 से 9:00 पर्सेंट का है.
एनपीएस
इसमें ऊपर दोनों स्कीम से रिस्क थोड़ा अधिक है, क्योंकि इसमें इक्विटी निवेश का भी मौका मिलता है, जिसमें आप करीब 75% तक निवेश कर सकते हैं. यहां लिक्विडिटी लगभग निल है, क्योंकि आप रिटायरमेंट से पहले पैसा नहीं निकाल पाएंगे. इसमें सामान्य टैक्स छूट तो मिलती ही है, मेच्योरिटी पर 50000 अतिरिक्त छूट भी मिलती है. इसका रिटर्न करीब 8-13 परसेंट का जाता है.
म्यूच्युअल फंड्स
इसमें रिस्क मॉडरेट यानी मध्यम दर्जे का होता है, क्योंकि इसमें आप 100 फीसदी इक्विटी यानी शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं, इसलिए एवरेज रिटर्न करीब 15 परसेंट तक होती है. इसमें आप कभी भी पैसा डाल सकते हैं और निकाल सकते हैं. टैक्स को लेकर तीन साल के लॉकिंग पीरियड पर सेक्शन 80 के तहत टैक्स छूट मिलती है, लेकिन शेयर मार्केट पर निर्भर होने से रिटर्न घट सकता है फिर भी बाकी सभी की अपेक्षा से रिटर्न करीब 8 से 14 परसेंट का है. म्यूचुअल फंड्स में कम से कम दो साल का इन्वेस्टमेंट कारगर है.
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