कोरोना संक्रमण की वजह से पैदा आर्थिक मंदी ने म्यूचुअल फंड निवेशकों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है. इनकम घटने से म्यूचुअल फंड में सिप निवेशक भी घट रहे हैं. नौकरी जाने, सैलरी कटने और बिना वेतन के छुट्टी पर भेज दिए जाने से बड़ी संख्या में निवेशक सिप रोकने का ऑप्शन चुन रहे हैं. अगर आपकी भी वित्तीय हालत सिप जारी रखने की इजाजत नहीं देती तो आप इसे रोक सकते हैं या कैंसिल कर सकते हैं. हां, इससे पहले अपने वित्तीय सलाहकार से एक बार सलाह जरूर ले लें.


ऑनलाइन रोक सकते हैं सिप


इसके लिए फंड की वेबसाइट पर जाकर लॉग-इन करें और फोलियो का डिटेल डालें. यह काम आप आरएंडडी एजेंट या डिस्ट्रीब्यूटर के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन प्लेटफॉर्म पर भी लॉग-इन के जरिये कर सकते हैं. आप जो सिप चला रहे हैं उसके इंस्ट्रक्शन पर क्लिक करें. निवेशक को इस सिप इंस्ट्रक्शन को चुनना पड़ता है जिसे वह रोकना चाहता है. कैंसिल/स्टॉप सिप पर क्लिक कर सिप रोका जा सकता है.


ऑफलाइन प्रक्रिया


आप ऑफलाइन भी सिप रोक सकते हैं. इसके लिए 'स्टॉप सिप'फॉर्म भरना पड़ता है.  म्यूचुअल फंड की वेबसाइट से इसे डाउनलोड कर सकते हैं. इसे भर कर जमा कर दें और इसका एकनॉलजमेंट रसीद ले लें. इस फॉर्म में सिप का ब्योरा, फोलियो नंबर, पैन नंबर भरना पड़ता है. हस्ताक्षर कर इसे फॉर्म को जमा कर दें.अमूमन रिक्वेस्ट मिलने के 15-20 दिन में सिप  कैंसल होता है.


इसलिए समय रख कर इसे कैंसिल करवाएं नहीं तो अगले महीने की किस्त डेबिट हो सकती है.अगर संभव हो तो सिप निवेशक 'पॉज' विकल्प का इस्तेमाल करें.  इसमें थोड़ी देर के लिए आपका निवेश रुक जाता है लेकिन स्कीम में निवेश हो चुकी रकम बनी रहती है. सिप छोटे निवेशकों के वित्ती लक्ष्य के लिए काफी मुफीद है. इसलिए इसे बंद करवाने से पहले अच्छी तरह सोच-समझ लें.