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फेस्टिवल सीजन में डिस्काउंट का लालच पड़ सकता है भारी, शॉपिंग से पहले जान लें नो कोस्ट EMI की हकीकत
फेस्टिवल सीजन शुरू होने वाला है और ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स ग्राहकों को लुभाने के लिए 80 फीसदी तक डिस्काउंट देने का दावा कर रही हैं.
![फेस्टिवल सीजन में डिस्काउंट का लालच पड़ सकता है भारी, शॉपिंग से पहले जान लें नो कोस्ट EMI की हकीकत No Cost emi Discount cashback on festival season may cause loss for buyers in shopping फेस्टिवल सीजन में डिस्काउंट का लालच पड़ सकता है भारी, शॉपिंग से पहले जान लें नो कोस्ट EMI की हकीकत](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/11/14081644/online-shopping.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
फेस्टिवल सीजन शुरू होने वाला है और ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स ग्राहकों को लुभाने के लिए 80 फीसदी तक डिस्काउंट देने का दावा कर रही हैं. त्यौहारी सीजन को देखते हुए अमेज़न ग्रेट इंडियन फेस्टिवल और फ्लिपकार्ट बिग बिलियन डे सेल लेकर आ रहा है. यह सेल फ्लिपकार्ट पर 16 अक्टूबर और अमेजन पर 17 अक्टूबर को शुरू होने जा रही हैं. दोनों ही शॉपिंग वेबसाइट नो कॉस्ट EMI और 80 फीसदी छूट जैसे लुभावने ऑफर दे रही हैं. ऐसे में अगर आप भी दिवाली पर ऑनलाइन शॉपिंग करने का विचार कर रहे हैं तो आपको इन ऑफर्स की सच्चाई जानना बहुत आवश्यक है.
नो कोस्ट EMI. ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स नो-कोस्ट EMI जैसे ऑफर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दे रही हैं. लेकिन नो-कोस्ट EMI ऑफर की सच्चाई बिलकुल उलट है.आपको प्रोडक्ट की कीमत से 15 फीसदी ज्यादा रकम ब्याज के रूप में चुकानी पड़ सकती है. इस लिए आपको खरीददारी के वक़्त सावधानी बरतने की जरुरत है. नो-कोस्ट EMI का मकसद सिर्फ ग्राहकों को आकर्षित कर ज्यादा सामान बेचना होता है. जल्दबाजी में हम नो-कोस्ट EMI की शर्तों को जानने में चूक कर देते हैं.
नो-कोस्ट EMI में कंपनी तीन तरीके से काम करती है.पहला तरीका यह होता है की आपको कोई भी सामान उसकी मूल कीमत पर खरीदना होता है जिसमें शॉपिंग कंपनियां ग्राहकों को दी जाने वाली छूट बैंक को ब्याज के रूप में देती है. दुसरे तरीके में कंपनी ब्याज को प्रोडक्ट के साथ ही जोड़ देती है. तीसरे तरीके में कंपनियां न बिकने वाले सामान को नो-कोस्ट EMI के रूप में बेचती है.नो-कोस्ट EMI वाले ऑफर के जरिये कंपनियां खूब सेल करती हैं.
भरी-भरकम डिस्काउंट. ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स प्रोडक्ट की कीमत में 70-80 फीसदी तक छूट देने का दावा करती हैं. जिससे ग्राहकों के मन में ज्यादा छूट होने का लालच आ जाता है लेकिन इन डिस्काउंट की सच्चाई भी थोड़ी अलग है. इतनी भारी छूट कंपनियां हर सामान पर नहीं देती है. ज्यादार छूट फैशन उत्पादों पर ही होती है. इसमें कंपनियां अपने पुराने स्टॉक निकालने के लिए हैं. इस लिए भरी डिस्काउंट वाले सामानों को भी अच्छी तरह परखने की जरुरत है.
कैशबैक वाला ऑफर ग्राहकों को लुभाने का सबसे आसान तरीका माना है.इसके जरिये आपको किसी भी प्रोडक्ट खरीदने पर आपको 10-20 फीसदी तक कैशबैक का ऑफर दिया जा .सकता है. इसका मतलब होता है की अगर आप 1000 का कोई सामान खरीदते हैं तो आपको 10 फीसदी कैशबैक के हिसाब से 50 रूपये वापस कर दिए जायेंगे. लेकिन इसमें भी कंपनियां बहुत लोचा करती हैं. दरअसल शॉपिंग वेबसाइट कैशबैक अक्सर अपनी ही कंपनी के वॉलेट में दे सकती है. जिसे आप अपने बैंक खाते में इस्तेमाल नहीं कर सकते. पको कैशबैक को इस्तेमाल करने के लिए उसी शॉपिंग वेबसाइट से खरीददारी करनी पड़ेगी. इस लिए कैशबैक ऑफर में आपको यह जानना जरुरी है की कंपनी आपको बैंक में पैसे वापस देगी या वेबसाइट के वॉलेट. इस लिए वाली दिवाली को शॉपिंग करते हुए आपको कई तरह से सावधानी बरतने की जरुरत है.
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