PPF Saving Tips: आपके पास पैसा तो है लेकिन निवेश कहां करें. सही दिशा दिखाना वाला भी कोई नहीं नजर आ रहा. इन्वेस्टमेंट के इतने सारे जरिए हैं तो कन्फ्यूजन भी ढेरों रहते हैं. ऐसे में कौन सा विकल्प आपको ज्यादा फायदा देगा और कैसे? यह समझना जरूरी है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) एकमात्र ऐसा निवेश विकल्प है जो दूसरे इंस्ट्रूमेंट की तुलना में काफी अलग है.


यह ऐसा इंस्ट्रूमेंट है, जहां न सिर्फ पैसा सुरक्षित रहता है बल्कि निवेश पर बढ़िया रिटर्न मिल रहा है. PPF निवेश का ऐसा जरिया है, जो इसे दूसरी स्मॉल सेविंग्स स्कीम (Small Savings scheme) से काफी अलग बनाता है. तो क्या मिलते हैं फायदे और क्यों अलग है ये इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट, आइये जानते हैं…


सबसे बढ़िया ब्याज


एक वक्त था, जब फिस्क्ड डिपॉजिट को ब्याज और सुरक्षा के लिहाज से सबसे अच्छा माना जाता था. लेकिन, अब अगर रिटर्न की बात करें तो इस वक्त सबसे ज्यादा फायदा प्रोविडेंट फंड (EPF Interest rate) में मिलता है, जहां 8.10 फीसदी का ब्याज है. ये फंड तो प्राइवेट और सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है.


आम पब्लिक के लिए भी ऐसा ही प्रोडक्ट शुरू किया गया, पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानि PPF. स्मॉल सेविंग्स स्कीम के अंदर आने वाले PPF पर फिलहाल 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. ये ब्याज तिमाही आधार पर तय होता है.


आयकर में छूट


PPF Investment यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश पर इनकम टैक्स छूट भी मिलती है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C में PPF निवेश पर अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है. इसकी की सबसे खास बात यही है कि स्कीम में कमाया गया ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा पूरी तरह से टैक्स फ्री रहता है.


सरकार लेती है गारंटी


इसको सीधे केंद्र सरकार रेगुलेट करती है और इस ब्याज भी सरकार ही तय करती है. इसलिए स्कीम में निवेश पर सुरक्षा की पूरी गारंटी होती है. अगर आप टैक्स छूट और अच्छे रिटर्न वाले निवेश की तलाश में हैं तो PPF में निवेश बेस्ट है. PPF से ज्यादा रिटर्न सिर्फ सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) और सीनियर सिटीजन स्कीम (Senior Citizen Scheme) में मिलता है. हालांकि इसमें सभी निवेश नहीं कर सकते.


कम्पाउंडिंग ब्याज का लाभ


पीपीएफ में निवेश करना फायदेमंद माना जाता है. क्योंकि, इस पर मिलने वाला ब्याज हर तिमाही के आधार पर बदलता है. मतलब अगर आपको किसी क्वॉर्टर में कम ब्याज मिला तो हो सकता है अगली तिमाही में ज्यादा ब्याज मिले. साथ ही ब्याज पर ब्याज यानि कम्पाउंडिंग ब्याज (Compounding Interest) का भी फायदा मिलता रहता है.


जितना समय उतना बड़ा फंड


कई लोग निवेश को लंबी अवधि तक चलाने पर यकीन करते हैं. इसका फायदा यह होता है कि आपका नियमित निवेश आपको बड़ा फंड तैयार करने में मदद करता है. उदाहरण के लिए अगर किसी ने PPF अकाउंट में हर साल 1 लाख रुपए निवेश किया है तो 15 साल में आपका इन्वेस्टमेंट 15 लाख रुपए होगा. इस पर ब्याज से 12,12,139 रुपए की कमाई होगी. मतलब स्कीम में निवेश से आपके पास कुल 27 लाख 12 हजार 139 रुपए जमा हो जाएंगे.


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