आरबीआई ने गोल्ड लोन कंपनियों को राहत के संकेत दिए हैं. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अपनी सुरक्षा और सहूलियत के हिसाब से एनबीएफसी सोने की कीमत का 70 फीसदी तक कर्ज दे सकती हैं. चूंकि उनके कारोबार में गोल्ड लोन की हिस्सेदारी ज्यादा होती है इसलिए उतार-चढ़ाव का असर भी ज्यादा होगा. दूसरी ओर, बैंकों के कारोबार में गोल्ड लोन का मामूली हिस्सा है, जो उनके पोर्टफोलियो पर असर नहीं डालेगा.


मुथुट फाइनेंस ने जताई थी चिंता
दरअसल फिक्की के एक कार्यक्रम में मुथुट फाइनेंस के चेयरमैन एमजी मुथुट ने गोल्ड लोन को लेकर आरबीआई के नए नियमों को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा कि एनबीएफसी के लिए सोने की कीमत के 90 फीसदी के बराबर गोल्ड देना संभव नहीं है क्योंकि इस सेक्टर में आने वाला कोई भी डिफॉल्ट आईएलएंडएफएस की तरह जोखिम बढ़ा सकता है. इस पर गवर्नर दास ने कहा कि आरबीआई 100 बड़ी एनबीएफसी पर नजर बनाए हुए है. अपनी सुरक्षा और सहूलियत के हिसाब से एनबीएफसी सोने की कीमत का 70 फीसदी तक कर्ज दे सकती हैं.


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कीमत का 90 फीसदी तक लोन देने का दिया था निर्देश
पिछले दिनों आरबीआई ने कहा था कि गोल्ड लोन कंपनियां सोने की पूरी कीमत की 90 फीसदी तक कर्ज देंगी. यह नया नियम 31 मार्च, 2021 तक प्रभावी रहेगा. इससे पहले गोल्ड की कीमत के 75 फीसदी तक लोन देने का प्रभाव था. लेकिन अब आरबीआई गवर्नर की ओर से अनौपचारिक रूप से यह कहना कि कंपनियां गोल्ड कीमत की 70 फीसदी तक लोन दे सकती है, नियमों को फिर बदल सकता है. हो सकता है कि आने वाले दिनों में मुथुट और मणप्पुरम जैसी गोल्ड लोन कंपनियां गोल्ड कीमत की 70 फीसदी तक ही लोन दें और आरबीआई इस पर अपनी सहमति की मुहर लगा दे.


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