Feb Corporate Deals: पिछले साल से बने प्रतिकूल आर्थिक माहौल का अब चौतरफा असर दिखने लगा है. स्टार्टअप्स की दुनिया फंडिंग की समस्या से जूझ रही है, आईपीओ के बाजार में रौनक गायब है और अब कॉरपोरेट सेक्टर से चिंता बढ़ाने वाला एक नया ट्रेंड उभर रहा है. हम बात कर रहे हैं कॉरपोरेट सौदों की, जिनकी संख्या में पिछले महीने में भारी गिरावट आई है.
आई इतनी गिरावट
ग्रांट थॉर्नटन की एक ताजी रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी महीने के दौरान विलय एवं अधिग्रहण के सौदों समेत तमाम कॉरपोरेट सौदों में 60 फीसदी की गिरावट आई और इनकी वैल्यू महज 1.8 बिलियन डॉलर रह गई. रिपोर्ट के अनुसार, उद्योग जगत में फरवरी महीने के दौरान 1.8 बिलियन डॉलर के केवल 89 सौदे हुए, जो कि मूल्य के लिहाज से एक साल पहले की अवधि की तुलना में 60 फीसदी कम है. वहीं सौदों की संख्या के हिसाब से बात करें, तो साल-दर-साल आधार पर इनमें 54 फीसदी की गिरावट आई.
सतर्क हैं निवेशक
ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट की मानें तो व्यापक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं और वे कोई भी कदम उठाने से पहले खूब सोच-विचार कर रहे हैं. यही कारण है कि कॉरपोरेट जगत में विलय एवं अधिग्रहण समेत तमाम सौदों में भारी गिरावट आई है.
बना ये रिकॉर्ड
रिपोर्ट की मानें तो पिछले महीने सौदों में कमी के कारण एक चिंताजनक रिकॉर्ड सेट हो गया. फरवरी महीने के दौरान कॉरपोरेट जगत में जो सौदे हुए, वे संख्या और मूल्य दोनों हिसाब से पिछले 9 साल में नीचे से दूसरे स्थान पर हैं. इसका मतलब हुआ कि फरवरी 2023 के दौरान साल 2014 के बाद कॉरपोरेट जगत में दूसरे सबसे कम सौदे हुए.
कम हुए एमएंडए सौदे
कुल कॉरपोरेट सौदों में देखें तो विलय एवं अधिग्रहण के सौदों में ठीक-ठाक गिरावट आई. इस तरह के सौदे साल भर पहले यानी फरवरी 2022की तुलना में संख्या के हिसाब से 48 फीदी कम होकर महज 24 रह गए. वहीं मूल्य के हिसाब से इनमें 47 फीसदी की गिरावट आई. इस साल फरवरी में महज 755 मिलियन डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण के सौदे हुए.
आईपीओ में बड़ी गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, कॉरपोरेट डील्स में सबसे ज्यादा कमी आईपीओ सेगमेंट में आई. फरवरी महीने के दौरान महज एक आईपीओ देखने को मिला, जिसकी वैल्यू 08 मिलियन डॉलर रही. इसकी तुलना में पिछले साल फरवरी महीने के दौरान 01 बिलियन डॉलर के तीन आईपीओ बाजार में आए थे.
इन सौदों का दबदबा
विलय एवं अधिग्रहण के सेगमेंट में सीमा पार के सौदों का दबदबा रहा. इनमें भी आउटबाउंड सौदे विशेष रूप से 578 मिलियन डॉलर के एक बड़े लेनदेन के कारण हावी रहे. वहीं संख्या के हिसाब से 67 फीसदी हिस्सेदारी के साथ घरेलू सौदों का वर्चस्व रहा.
आगे रहे ये सेक्टर
फार्मा, हेल्थकेयर एवं बायोटेक और आईटी एवं आईटीईएस क्षेत्रों ने संख्या के हिसाब से क्रमशः 17 फीसदी और 13 फीसदी का योगदान दिया. इनके बाद ऑटोमोटिव सेक्टर का स्थान रहा. इस सेक्टर को मदरसन इंटरनेशनल द्वारा 578 मिलियन डॉलर में ऑटोसिस्टमटेक्निक के अधिग्रहण से मदद मिली. यह पिछले 12 साल का 5वां सबसे बड़ा सौदा रहा.
यहां भी आई कमी
प्राइवेट इक्विटी के मामले में मूल्य और संख्या दोनों कम हुईं. इस सेगमेंट में फरवरी 2023 के दौरान महज 65 सौदे हुए, जिनकी वैल्यू 01 बिलियन डॉलर रही. इस तरह संख्या के हिसाब से पिछले महीने अगस्त 2020 के बाद सबसे कम सौदे देखने को मिले.
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