भारत में सेमीकंडक्टर की क्रांति लाने के सरकार के प्रयास अब जमीन पर उतरने लगे हैं. अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी माइक्रॉन टेक्नोलॉजी ने भारत में अपने पहले प्लांट पर काम शुरू कर दिया है. माइक्रॉन ने इस प्लांट के लिए भारतीय कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स की मदद ली है. कंपनी इस प्लांट के लिए हायरिंग की प्रक्रिया भी शुरू कर चुकी है.


इतना निवेश करेगी माइक्रॉन


माइक्रॉन लिमिटेड का यह प्लांट गुजरात के साणंद में बन रहा है. कंपनी अपनी इस प्रस्तावित फैक्ट्री में 2.75 बिलियन डॉलर का निवेश करने वाली है. माइक्रॉन ने इसके लिए शनिवार को भूमिपूजन समारोह का आयोजन किया. इस तरह साणंद इंडस्ट्रियल एरिया में माइक्रॉन की पहली भारतीय फैक्ट्री का निर्माण कार्य औपचारिक रूप से शुरू हो गया.


टाटा बना रही है माइक्रॉन का प्लांट


माइक्रॉन की यह फैक्ट्री Sanand GIDC-II industrial estate में 93 एकड़ भूखंड पर बन रही है. अमेरिकी कंपनी इस प्लांट में सेमीकंडक्टर की मैन्यूफैक्चरिंग नहीं करने वाली है, बल्कि इस प्लांट में असेंबली, टेस्ट, मार्किंग और पैकेजिंग का काम होगा. माइक्रॉन ने शनिवार को भूमिपूजन समारोह के साथ ही प्लांट के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स के साथ समझौते पर भी हस्ताक्षर किया.


सरकार से मिलेगी इतनी मदद


सरकार देश को सेमीकंडक्टर के मामले में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे रही है. इस कारण सरकार भारत में प्लांट लगाने वाली कंपनियों को काफी मदद मुहैया करा रही है. माइक्रॉन को भी सरकार से मदद मिलने वाली है. इस निर्माणाधीन प्लांट की कुल लागत का आधा केंद्र सरकार देगी, जबकि राज्य सरकार विभिन्न राहत उपायों के माध्यम से लागत के 20 फीसदी को वहन करेगी. इस तरह माइक्रॉन को कुल लागत में सिर्फ 30 फीसदी ही देना होगा.


2025 से शुरू होगा परिचालन


माइक्रॉन के इस प्लांट में 5 लाख स्क्वेयर फीट का क्लीन रूम भी शामिल है. कंपनी को उम्मीद है कि प्लांट के निर्माण का काम अगले साल के अंत तक पूरा हो जाएगा. अमेरिकी चिप कंपनी को उम्मीद है कि 2024 के अंत तक प्लांट का काम पूरा हो जाने के बाद वह परिचालन की शुरुआत कर पाएगी. मतलब माइक्रॉन के इस प्लांट में 2025 से परिचालन शुरू हो सकता है. माइक्रॉन ने साथ ही बताया कि उसने प्रस्तावित प्लांट के लिए लोगों की भर्तियां शुरू कर दी है.


इतने लोगों को मिलेगा रोजगार


आपको बता दें कि माइक्रॉन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान इस प्लांट को लेकर एग्रीमेंट किया था. इस प्लांट पर कंपनी कुल 2.75 बिलियन डॉलर का निवेश करने वाली है. दो चरणों में बन रही फैक्ट्री के निर्माण पर अमेरिकी कंपनी 825 मिलियन डॉलर निवेश करेगी. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस प्लांट से करीब 5 हजार लोगों को रोजगार के प्रत्यक्ष मौके मिलेंगे, जबकि 15 हजार लोगों को परोक्ष रोजगार के मौके मिल सकते हैं.