Microsoft Cyber Attack: माइक्रोसॉफ्ट पर जबरदस्त साइबर अटैक, मैनेजमेंट के ईमेल तक अपराधियों के कब्जे में
Midnight Blizzard: दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट पर रूस के हैकिंग ग्रुप मिडनाइट ब्लिजार्ड ने साइबर अटैक किया है. कंपनी को इसकी जानकारी 12 जनवरी को हुई.
Midnight Blizzard: दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) पर जबरदस्त साइबर अटैक (Cyber Attack) हुआ है. अमेरिका की तकनीकी कंपनी ने हमले की जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराधियों ने कंपनी मैनेजमेंट के ई-मेल अकाउंट तक पहुंच हासिल कर ली. माइक्रोसॉफ्ट ने इस हमले के लिए रूस से जुड़े समूह मिडनाइट ब्लिजार्ड (Midnight Blizzard) को जिम्मेदार ठहराया है.
कंपनी के कॉरपोरेट ई-मेल सिस्टम को निशाना बनाया
माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि मिडनाइट ब्लिजार्ड ने कंपनी के कॉरपोरेट ई-मेल सिस्टम को निशाना बनाया. इसमें कंपनी मैनेजमेंट के अकाउंट भी शामिल थे. कंपनी ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर एक ब्लॉग पोस्ट में इस हमले के बारे में बताया. माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार इस हैकिंग समूह को नोबेलियम, एपीटी29 और कोजी बेयर के नाम से भी जाना जाता है. इन्होंने कुछ कॉरपोरेट ई-मेल अकाउंट को हैक किया. हैक होने वाले अकाउंट कंपनी की वरिष्ठ नेतृत्व टीम, साइबर सिक्योरिटी टीम, लीगल और अन्य कर्मचारियों के हैं.
नवंबर में हुआ हमला, जनवरी में लगी जानकारी
जानकारी के मुताबिक, यह हमला नवंबर के आखिर में हुआ. कंपनी की साइबर सिक्योरिटी टीम को इसका पता 12 जनवरी को लगा. माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि साइबर अटैक का पता चलने के तुरंत बाद सिक्योरिटी की जांच शुरू की गई थी. माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि हैकर्स ने ग्राहक डाटा नहीं चुराया. वो अपने बारे में जानकारी हासिल करना चाहते थे. वो जानना चाहते थे कि माइक्रोसॉफ्ट को उनके बारे में क्या पता है.
साइबर सिक्योरिटी में बदलाव करेगी माइक्रोसॉफ्ट
माइक्रोसॉफ्ट इस साइबर अटैक के बाद और ज्यादा सचेत हो गई है. कंपनी ने ब्लॉग में लिखा कि हम अपनी हालिया साइबर सिक्योरिटी में बदलाव करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसके लिए जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी. भले ही इससे हमारे मौजूदा कारोबार पर विपरीत असर पड़े. हम जब इस नई सच्चाई को अपनाएंगे तो थोड़ी सी दिक्कतें आने की आशंका है. मगर, यह जरूरी कदम है.
रूसी खुफिया एजेंसी से जुड़ा हुआ है मिडनाइट ब्लिजार्ड
मिडनाइट ब्लिजार्ड को पश्चिमी देशों में एक हैकिंग ग्रुप माना जाता है. यह रूस की विदेशी खुफिया सेवा (SVR) से जुड़ा हुआ है. यह कई सारे हाई प्रोफाइल साइबर अटैक के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इनमें 2019 के सोलरविंड्स और 2015 में डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी जैसे कई साइबर अटैक शामिल हैं.
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