Microsoft Stock Crash Update: माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर ठप्प पड़ने के चलते अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में प्री-मार्केट ट्रेड में कंपनी का स्टॉक गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) का शेयर 1.42 फीसदी की गिरावट के साथ 434.21 डॉलर पर ट्रेड कर रहा है. हालांकि स्टॉक सर्वर के क्रैश होने की खबर आने के बाद 3.24 फीसदी तक नीचे जा फिसला था. माइक्रोसॉफ्ट ही नहीं बल्कि सायबर सिक्योरिटी प्रदान करने वाली  क्राउडस्ट्राइक (CrowdStrike) जो इसके लिए जिम्मेदार है उसका स्टॉक प्री-मार्केट ट्रेड में 20 फीसदी तक नीचे जा फिसला. 


माइक्रोसॉफ्ट के स्टॉक में गिरावट


अमेरिकी शेयर बाजार के खुलने से पहले प्री-मार्केट ट्रेड में माइक्रोसॉफ्ट और क्राउडस्ट्राइक के स्टॉक गिरावट में भारी गिरावट देखी जा रही है. फिलहाल माइक्रोसॉफ्ट पिछले क्लोजिंग प्राइस 440.37 डॉलर के मुकाबले 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ 434.23 डॉलर पर ट्रेड कर रहा है. माइक्रोसॉफ्ट मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है.


 क्राउडस्ट्राइक का स्टॉक गिरा धड़ाम


 क्राउडस्ट्राइक का स्टॉक निचले लेवल से थोड़ा रिकवर हुआ है और प्री-मार्केट में 11.80 फीसदी की गिरावट के साथ 302.36 डॉलर पर कारोबार कर रहा है. पिछले सेशन में स्टॉक 343.05 डॉलर पर क्लोज हुआ था. 


यूरोपीय बाजार भी फिसले


माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर ठप्प करने के चलते यूरोपीय शेयर बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. यूरोपीय देशों के स्टॉक एक्सचेंज एफटीएसई (FTSE), सीएसी (CAC) और डीएएक्स (DAX) गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. इससे पहले एशियाई देशों के शेयर बाजार भी गिरावट के साथ बंद हुए. हैंगसेंग और ताईवान का बाजार भी इस कारण गिरकर बंद हुआ है. 


माइक्रोसॉफ्ट की प्रतिष्ठा पर आंच 


बाजार के जानकारों का कहना है कि सर्वर डाउन होने का इस कंपनियों के प्रतिष्ठा पर चोट पहुंची है. ये घटना बताती है कि हम कितना किसी एक कंपनी के टेक्नोलॉजी पर निर्भर हैं और ऐसी घटनाएं होने पर कितना खथरनाक इसके परिणाम हो सकते हैं. सर्वर डाउन होने का असर केवल आम लोगों पर ही नहीं बल्कि बैंकों जिसमें देशों के सेंट्रल बैंक शामिल हैं वो भी प्रभावित हुई है. इसके अलावा स्टॉक एक्सचेंज, एयरपोर्ट्स से उड़ानों पर इसका असर पड़ा है जिससे चारों तरफ अफरा-तफरी मची हुई है. 


ये भी पढ़ें 


Microsoft Server Outage: माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन! बीएसई-एनएसई बेअसर, लेकिन बच नहीं पाए भारतीय इन्वेस्टर