Income Tax Rates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि केंद्र सरकार (Central Government) ने इनकम टैक्स की दरों (Income Tax Rates) को निर्धारित करते समय मध्यम वर्ग (Middle Class) के हितों का बेहद ख्याल रखा है. वित्त मंत्री ने कहा, सरकार ने नए इनकम टैक्स रिजीम (New Income Tax Regime) के जरिए टैक्सपेयर्स को कई विकल्प दिए हैं. वित्त मंत्री ने कहा, पहले नए इनकम टैक्स रिजीम में कोई छूट नहीं था लेकिन लोगों की मांग को सुनने के बाद उसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) को जोड़ा गया.
न्यूज18 के कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा, 2019 के बाद से ही ये कोशिश रही है कि डायरेक्ट टैक्ससेशन को सरल बनाया जाए. प्रोसेस को सरल बनाने की कोशिश होती रही है जिसके चलते सरकार नए इनकम टैक्स रिजीम को लेकर आई जिसमें इनकम टैक्स रेट्स को कम रखा गया. वित्त मंत्री ने कहा हमने टैक्सपेयर्स को विकल्प दिया है कि अगर वे डिडक्शन चाहते हैं तो पुराने टैक्स रिजीम के साथ बने रह सकते हैं. वित्त मंत्री ने कहा, पहले नए टैक्स रिजीम में कोई डिडक्शन नहीं था लेकिन लोगों की मांगों को सुनने के बाद स्टैंडर्ड डिडक्शन को सरकार ने उसमें शामिल किया.
वित्त मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश करते हुए सरकार ने चर्चा के बाद मध्यम वर्ग के लिए नए इनकम टैक्स रिजीम में टैक्स रेट्स को घटाने का फैसला लिया और स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाने का फैसला लिया. वित्त मंत्री ने कहा, मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी टैक्स रेट्स घटाने को कहा है. उन्होंने कहा, हमनें हमेशा से मध्यम वर्ग के हितों को ध्यान में रखा है. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए नए इनकम टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स स्लैब में टैक्सपेयर्स को राहत दी गई और स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया. वित्त मंत्री ने बताया कि एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए जितने टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल किया है उसमें 78 फीसदी टैक्सपेयर्स ने नए इनकम टैक्स रिजीम के विकल्प को अपनाया है.
शेयर बाजार में बढ़ रही स्पेक्यूलेटिव एक्टिविटी को लेकर वित्त मंत्री ने निवेशकों को आगाह करते हुए कहा कि इसे लेकर सावधानी बरते जाने की जरूरत है. वित्त मंत्री ने कहा, स्पेक्यूलेटिव एक्टिविटी को लेकर सेबी और आरबीआई ने भी चिंता जाहिर की है. वित्त मंत्री ने कहा, हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि निवेशक अपनी जीवन भर की गाढ़ी कमाई को उच्च जोखिम वाली जगहों में निवेश ना करें.
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