Urban Demand Slows: क्या कमरतोड़ महंगाई (High Inflation) के चलते शहरी इलाकों ( Urban Areas) में एफएमसीजी (FMCG) और फूड आईटम्स (Food Items) के डिमांड पर असर पड़ने लगा है? ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि देश की दो दिग्गज एफएमसीजी कंपनियों ने मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के नतीजों का जो एलान किया है उसमें उनके मुनाफे में गिरावट आई है. बुधवार 23 अक्टूबर 2024 को हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (Hindustan Unilever Limited) ने नतीजे घोषित किए और उसके मुताबिक दूसरी तिमाही में कंपनी के मुनाफे में 4 फीसदी कमी आई है. तो पिछले हफ्ते नेस्ले इंडिया ने नतीजे घोषित किए थे जिसमें उसमें मुनाफे में 0.94 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी.


शहरों में FMCG डिमांड में आई नरमी 


डिमांड में कमी की बात इन कंपनियों की मैनेजमेंट भी स्वीकार कर रही है. हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (HUL) के सीईओ और एमडी रोहित जावा (Rohit Jawa) ने कहा, सितंबर तिमाही में शहरी मार्केट्स (Urban Markets) में एफएमसीजी डिमांड (FMCG Demands) में नरमी देखने को मिली है जबकि ग्रामीण इलाकों (Rural Areas) में डिमांड में आहिस्ता-आहिस्ता सुधार देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा, कंज्यूमर डिमांड (Consumer Demand) में धीरे-धीरे जो सुधार हो रहा है उसपर हमारी पैनी नजर है. दूसरी तिमाही में एचयूएल का शुद्ध मुनाफा 2612 करोड़ रुपये रहा है जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 2717 करोड़ रुपये रहा था.  


मिडिल-क्लास ने की खर्चों में कटौती


शहरों इलाकों में डिमांड में कमी का सामना नेस्ले इंडिया (Nestle India) भी कर रही है. जुलाई-सितंबर तिमाही में नेस्ले इंडिया का तिमाही दर तिमाही ग्रोथ पिछले आठ वर्षों में सबसे कम रहा है. शहरी इलाकों में रहने वाले मिडिल-क्लास (Middle-Class) ने अपने खर्चों में कटौती कर दी है. इसका सबसे ज्यादा असर दूध और चॉकलेट सेगमेंट पर देखने को मिला है. नेस्ले इंडिया के चेयरमैन और एमडी सुरेश नारायण ने कहा, प्रीमियम चीजों की खपत में मजबूती बनी हुई है लेकिन मिडिल सेगमेंट जिसमें ज्यादातर एफएमसीजी कंपनियां मौजूद है उस सेगमेंट में डिमांड घटता जा रहा है.   


मिडिल-क्लास के हाथ तंग!


सुरेश नारायण ने कहा, जिन लोगों के पास पैसा है वो जबरदस्त खर्च कर रहे हैं. लेकिन मिडिल-क्लास तंगी महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा, जो कंपनियां मिडिल सेगमेंट को टारगेट करते हुए उचित कीमत पर चीजें ऑफर कर रही हैं उन्हें अस्थाई रूप से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सुरेश नारायण ने कहा ज्यादातर एफएमसीजी कंपनियां को परेशानी हो रही है क्योंकि मिडिल सेगमेंट थोड़ा तंगी में है. उन्होंने कहा, पहले कमजोर डिमांड एक तिमाही में ही केवल हुआ करती थी लेकिन अब डिमांड में कमी लगातार 2-3 तिमाही में देखने को मिल रही है. हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि लंबी अवधि में डिमांड में सुधार देखने को मिलेगा. 


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