Milk Product Price: पिछले कुछ समय से दूध और डेयरी उत्पादों की मांग बढ़ी है और लागत बढ़ने से दूध के दाम में इजाफा देखा गया है. अमूल और मदर डेयरी जैसी प्रमुख कंपनियों ने पिछले साल सितंबर 2022 से अबतक 2 से 3 रुपये प्रति लीटर करके कई बार दूध के दाम में बढ़ोतरी की है. दूध और उससे बने उत्पाद के दाम में लगातार बढ़ोतरी से लोगों के घर का बजट बिगड़ा है. एक्सपर्ट का मानना है कि इस गर्मी के दौरान दूध के दाम या तो बढ़ सकते हैं या फिर स्थिर रह सकते हैं. दूध और उत्पादों के दाम में कमी का होने की संभावना नहीं है.
सरकार ने आयात की खबरों का किया खंडन
वहीं दूसरी ओर से केंद्र सरकार ने अपने बयान में कहा है कि दूध और उसके उत्पादों की मांग ज्यादा है, लेकिन सरकार इसके आयात के बारे में विचार नहीं कर रही है. कुछ मीडिया रिपोर्ट में चल रही खबरों को अधिकारियों ने भ्रामक बताया है. पशुपालन अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि अभी उत्पादों के आयात पर कोई फैसला नहीं किया है. ऐसा निर्णय लेने से पहले डेयरी मालिकों के हितो का विचार किया जाएगा.
क्यों स्थिर रह सकती हैं दूध की कीमतें
उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले एक साल में लगभग स्थिर दूध उत्पादन के बीच डेयरी उत्पादों की मांग में तेजी से आपूर्ति की स्थिति और कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. साल 2021-22 में भारत का दूध उत्पादन 221 मिलियन टन रहा, जो पिछले वर्ष के 208 मिलियन टन से 6.25 प्रतिशत अधिक था. हालांकि 2022-23 में उत्पादन स्थिर रहने या बढ़ोतरी का अनुमान है. इसका मतलब है कि गर्मी के दौरान लोगों को दूध के दाम में राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
फल और सब्जियों के भी बढ़े दाम
मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी अपने बयान में कहा कि मांग-आपूर्ति संतुलन और चारा लागत के दबाव के कारण गर्मी के मौसम में दूध की कीमतें भी स्थिर रह सकती हैं. गर्वनर ने ये भी बताया कि पिछले साल दिसंबर से खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है, जो फल, सब्जी और अन्य जरूरी चीजों की कीमत में बढ़ोतरी के कारण है.
डेयरी कंपनियों ने कीमतों में बढ़ोतरी का क्या दिया हवाला
दूध की सप्लाई करने वाली कंपनियों ने पिछले साल सितंबर से ही दूध की कीमतों में लगातार इजाफा कर रही हैं, जिस कारण दूध से बने उत्पादों की भी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. डेयरी मालिकों का कहना है कि चारे की कमी और उसकी लागतों में बढ़ोतरी के कारण कच्चे दूध की कीमतों में इजाफा हुआ है, जिससे लोगों तक पहुंचने में दूध के दाम और ज्यादा हो गए हैं.
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