Milk Price Hike: दूध के दाम से बिगड़ा घर का बजट! सरकार का भी बढ़ा सिरदर्द, जानिए क्यों बढ़ रही कीमतें
Milk Price Rises: भारत में पिछले एक साल में दूध की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. दूध की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण मोदी सरकार का सिरदर्द भी बढ़ गया है.
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Milk Price Hike: देशभर में दूध की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के घर के बजट को पूरी तरह से बिगाड़ दिया है. पिछले कुछ महीनों में देश की बड़ी डेयरी कंपनियां जैसे अमूल, मदर डेयरी ने कई बार दूध की कीमतों में इजाफा किया है. दूध के दाम में हो रही लगातार बढ़ोतरी ने सरकार के सिरदर्द को भी बढ़ा दिया है. दूध की औसत खुदरा कीमतों (Average Retail Price of Milk) में पिछले एक साल के दौरान 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और यह 57.15 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है. मार्च के महंगाई के आंकड़े ने जहां राहत दी है, वहीं दूध की कीमतें अभी भी आसमान छू रही हैं.
लगातार दूसरे महीने खुदरा महंगाई दर के आंकड़े में गिरावट आई है. मार्च 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.66 फीसदी रही है, जो फरवरी में 6.44 फीसदी रही थी. इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में भी गिरावट आई है. मार्केट में खाद्य महंगाई दर घटकर 4.79 फीसदी हो गई, जो फरवरी में 5.95 फीसदी थी. मार्च में भले ही खाने-पीने की चीजों की महंगाई में कमी देखी गई है, लेकिन दूध की महंगाई दर अभी भी 9.31 फीसदी बनी हुई है.
क्यों बढ़ रहे दूध के दाम
गौरतलब है कि भारत में खाने-पीने की चीजों में दूध दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला प्रोडक्ट है. ऐसे में इसकी बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि दूध की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के पीछे कारण क्या है? एक्सपर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में जानवरों के चारे की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसकी कीमत 8 रुपये से बढ़कर 20 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. दूध के उत्पादन में 65 फीसदी से ज्यादा का खर्च चारे पर ही होता है. ऐसे में चारे की बढ़ती कीमतों का असर सीधा दूध के दाम पर पड़ रहा है.
सरकार की बढ़ी चिंता
दूध की बढ़ती कीमतों का असर सीधा खपत पर पड़ेगा. दूध और इसके प्रोडक्ट की कीमतों में इजाफे के कारण लोग इसकी खपत को कम कर रहे हैं. ऐसे में डिमांड और सप्लाई में फर्क बढ़ने से डेयरी कंपनी को नुकसान हो सकता है. इसके साथ ही अगले महीने और साल 2024 में होने वाले चुनावों से पहले दूध की आसमान छूती कीमतों से सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकती है. देश में ठंड के मौसम में दूध की कीमतों में 12 से 15 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई है. गर्मियों के बढ़ने के साथ ही दूध उत्पादन में कमी आती है और खपत में इजाफा होता है. ऐसे में फिलहाल दूध की कीमतों में राहत की संभावना कम ही जताई जा रही है.
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