अभी पूरे देश में महंगाई से लोगों की हालत खराब है. सरकारी आंकड़ों में भले ही खुदरा महंगाई 5 फीसदी से कम हो, लेकिन आम लोगों की हालत खराब हो रही है. स्थिति ऐसी है कि आम लोगों की थालियों से हरी सब्जियां गायब हो गई हैं. इस बीच एक बुरी खबर ये है कि आने वाले दिनों में दूध के भी दाम बढ़ सकते हैं, जो पहले से रिकॉर्ड स्तर पर है.


इतना बढ़ सकता है दूध का भाव


हिंदुस्तान की एक खबर के अनुसार, आने वाले दिनों में दूध के दाम 5 फीसदी तक बढ़ सकते हैं. यह बढ़ोतरी इस तथ्य के बाद भी हो सकती है कि दूध के दाम न सिर्फ पहले से ही रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं, बल्कि पिछले कुछ समय के दौरान इनमें रिकॉर्ड गति से बढ़ोतरी हुई है. वहीं खाने-पीने की अन्य जरूरी चीजों के बढ़े दाम से आम लोग पहले से परेशान चल रहे हैं.


अभी खुदरा महंगाई की ये है दर


महंगाई की बात करें तो जुलाई महीने के दौरान खुदरा महंगाई की दर में थोड़ी तेजी आई. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में महंगाई की दर 4.49 फीसदी रही. इससे पहले जून महीने के दौरान खुदरा महंगाई 4.25 फीसदी रही थी, जो करीब दो साल का सबसे कम स्तर है. डेढ़-दो साल से खुदरा महंगाई की दर रिजर्व बैंक की ऊपरी सीमा से ज्यादा चल रही थी.


ऐसा है हरी सब्जियों का हाल


अभी खुदरा महंगाई की दर में कमी होने ही लगी थी कि टमाटर, मिर्च समेत कई हरी सब्जियों और मसालों के भाव में आग लग गई. देश के कई शहरों में टमाटर के भाव 250 रुपये किलो तक पहुंच गए. मिर्च के भाव भी 200 रुपये किलो तक हो गए. यही हाल लगभग सभी हरी सब्जियों का हुआ. मसालों में जीरा और गरम मसाला की कीमतें बेतहाशा बढ़ीं.


इस तरह से महंगा हुआ है दूध


दूध की बात करें तो पिछले 3 साल में इनके भाव में 22 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है. पिछले एक साल में ही दूध करीब 10 रुपये लीटर महंगा हुआ है, जबकि पिछले एक दशक में दूध के दाम दो गुणे से भी ज्यादा हो गए हैं. मदर डेयरी हो या अमुल व सुधा जैसी डेयरी कंपनियां, सभी ने एक के बाद एक कर दूध के दाम बढ़ाए हैं.


इन कारणों से और बढ़ सकते हैं भाव


बताया जा रहा है कि पशुओं के चारे के दाम अभी रिकॉर्ड स्तर पर हैं. लंपी बीमारी से उत्पादन पर असर पड़ा है. मानसून और मौसम की वजह से आगामी सीजन में फसलों को नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है. ऐसे में पशुओं के चारे और महंगे हो सकते हैं. इसका मतलब हुआ कि लागत और उत्पादन दोनों मोर्चे पर स्थिति ठीक नहीं है. महामारी के बाद दूध की मांग बढ़ी है. इस तरह सारे फैक्टर दूध के दाम बढ़ाने के पक्ष में हैं.


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