Driver Driving Training Centre Scheme : अगर आप भी अपना दोपहिया वाहनों का लाइसेंस बनवाने जा रहे हैं. तो सरकार ने पुराने नियमों में कुछ अहम बदलाव किये हैं. जिसके बारे में आपको जरूर जान लेना चाहिए. दरअसल आपको बता दे कि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Union Ministry of Road Transport and Highways) ने देश भर में मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केन्द्रों से संबंधित नए नियम लागू किये है. नए आदेश में दोपहिया वाहन चालकों को लाइसेंस बनवाने के लिए वाहन चलाकर टेस्ट देना जरूरी हो गया हैं.
सेमुलेटर से सिखाया जाएगा वाहन
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार देशभर में मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केन्द्र खोले जा रहे हैं. इसमें ट्रेनिंग लेने वाले को सेमुलेटर से वाहन चालाना सिखाया जाएगा. ट्रेनिंग लेने के बाद केन्द्र प्रशिक्षु को एक सर्टिफिकेट देने जा रहे हैं. इस सर्टिफिकेट के आधार पर आपको आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बन जाता है. ट्रेनिंग लेने वाले व्यक्ति को आरटीओ कार्यालय में टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
ये हुआ हैं बदलाव
आपको बता दे कि पहले दोपहिया और 4 पहिया वाहन या अन्य सभी तरह के वाहनों के लिए सेमुलेटर से ट्रेनिंग लेने के बाद टेस्ट देने की जरूरत नहीं थी. लेकिन नए नियम के अनुसार दोपहिया वाहनों के लाइसेंस के लिए वाहन चलाकर टेस्ट देना अनिवार्य हो गया है. यानी व्यावहारिक और सैद्धांतिक रूप में टेस्ट देना होगा. इस टेस्ट को पास करने के बाद ही दोपहिया वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस बनेगा.
क्यों बदला नियम
आपको बता दे कि बस एंड कार ऑपरेटर्स कंफेडरेशन ऑफ इंडिया (सीएमवीआर) के चेयरमैन गुरुमीत सिंह तनेजा का कहना हैं कि 4 पहिया या इससे बड़े वाहनों में बैलेंस बनाने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन दोपहिया वाहनों में बैलेंस बनाना होता है. सेमुलेटर से प्रशिक्षु वाहन चला सकता है लेकिन बैलेंस बनाने की ट्रेनिंग नहीं हो पाती है, इसलिए मैदान में दो पहिया वाहन के साथ ट्रेनिंग अनिवार्य किया गया हैं.
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