Mobikwik IPO: मोबिक्विक लाएगी 700 करोड़ रुपये का आईपीओ, सेबी को सौंपा प्रस्ताव, 1900 करोड़ था पहली बार साइज
700 Crore IPO: साल 2021 में 1900 करोड़ रुपये के आईपीओ से हाथ पीछे खींच चुकी पेमेंट कंपनी मोबिक्विक अब 700 करोड़ रुपये का इश्यू लाने वाली है. कंपनी के बोर्ड ने 880 करोड़ का आईपीओ लाने की मंजूरी दी थी.
700 Crore IPO: साल 2024 में छोटी-बड़ी कई कंपनियों के आईपीओ आने वाले हैं. साल के पहले हफ्ते में एक छोटी सी कंपनी केसी एनर्जी के आईपीओ ने लगभग 5 गुना रिटर्न देकर सभी को चौंका दिया. अब बारी है मोबिक्विक (MobiKwik) की. पेमेंट बिजनेस की दिग्गज कंपनी मोबिक्विक 700 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने वाले है. कंपनी ने इस आईपीओ के दस्तावेज बाजार नियामक सेबी (SEBI) को सौंप दिए हैं. इसके साथ ही पेमेंट बिजनेस सेगमेंट (Payment Business Segment) में काम करनी वाली कंपनियों के बीच हलचल होनी शुरू हो गई है. कंपनी 2021 में भी बड़ा आईपीओ लाना चाहती थी. मगर, निवेशकों में कोई रुचि न देखकर इसे वापस ले लिया गया था.
प्री आईपीओ प्लेसमेंट के जरिए 140 करोड़ रुपये इकट्ठे करने की योजना
जानकारी के अनुसार, मोबिक्विक (One MobiKwik Systems Ltd) प्री आईपीओ प्लेसमेंट के जरिए 140 करोड़ रुपये इकट्ठे करने की योजना बना रही है. यदि यह सफल रहा तो आईपीओ (Initial Public Offering) का साइज छोटा कर दिया जाएगा. एसबीआई कैप्स और डीएएम कैपिटल इन इश्यू का मैनेजमेंट करेंगे.
कंपनी के बोर्ड ने 880 करोड़ रुपये के आईपीओ को दी थी मंजूरी
कंपनी आईपीओ लाने की कोशिश दोबारा से कर रही है. कंपनी एक बार पहले भी आईपीओ लाने की कोशिश कर चुकी है. कंपनी के बोर्ड ने इसी हफ्ते फ्रेश इक्विटी शेयर जारी कर 880 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. मगर, कंपनी उससे भी कम राशि का आईपीओ लाने जा रही है.
नवंबर, 2021 में 1900 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने का किया था प्रयास
पहली बार कंपनी ने नवंबर, 2021 में 1900 करोड़ रुपये का आईपीओ (1900 Crore IPO) लाने का प्रयास किया था. मगर, निवेशकों की रुचि न होने के चलते इस आईपीओ को वापस ले लिया गया था. पिछली बार की तरह इस बार ऑफर फॉर सेल का विकल्प नहीं होगा.
बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए होगा पैसों का इस्तेमाल
इस 700 करोड़ रुपये के आईपीओ से आने वाले पैसे का इस्तेमाल कंपनी बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए करेगी. इसमें से 250 करोड़ रुपये फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस, 135 करोड़ रुपये पेमेंट बिजनेस और 135 करोड़ रुपये डाटा, एमएल, एआई, प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी पर खर्च किये जाएंगे. बाकी के 70 करोड़ रुपये कैपिटल एक्सपेंडिचर एवं अन्य चीजों पर खर्च किए जाएंगे.
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