(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mobile Tariff Hike Likely: महंगा हो सकता है मोबाइल टैरिफ, एयरटेल ने दिए टैरिफ बढ़ाने के संकेत
Mobile Tariff Hike Soon: एयरटेल ने टैरिफ बढ़ाने के संकेत दिए हैं. वित्तीय नतीजों के आने के बाद एयरटेल के टॉप मैनेजमेंट ने कहा है कि एक और मोबाइल टैरिफ हाईक किया जाता सकता है.
Mobile Tariff Hike Likely: मोबाइल टैरिफ और भी महंगा हो सकता है. देश की दूसरी बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने टैरिफ बढ़ाने के संकेत दिए हैं. वित्तीय नतीजों के आने के बाद एयरटेल के टॉप मैनेजमेंट ने कहा है कि एक और मोबाइल टैरिफ हाईक किया जाता सकता है.
कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने बताया कि भले ही अगले 3 या चार महीने में मोबाइल टैरिफ नहीं बढ़े लेकिन इस कैलेंडर वर्ष में मोबाइल टैरिफ बढ़ाई जा सकती है और कंपनी टैरिफ बढ़ाने में कोई हिचकिचाहत नहीं करेगी. कंपनी के मैनेजमेंट के मुताबिक ARPU (average revenue per user) 2022 में 200 रुपये करने का लक्ष्य रखता है जो अभी 163 रुपये है.
प्रति यूजर रेवेन्यू बढ़ाने के लक्ष्य से साफ है कि एयरटेल मोबाइल टैरिफ बढ़ा सकती है. इससे पहले साल 2021 के खत्म होने के ठीक एक महीने एयरटेल ने प्रीपेड मोबाइल टैरिफ को 25 फीसदी तक बढ़ाया था. लेकिन आने वाले समय में टेलीकॉम कंपनियां प्रीपेड के साथ अब पोस्टपेड मोबाइल टैरिफ बढ़ाने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि 2022 में 5जी सेवा के लिए स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने खातिर पैसे जुटाने और वित्तीय सेहत में सुधार करने के लिये ये कंपनियां अब एक बार फिर मोबाइल टैरिफ बढ़ा सकती हैं और इसी बार नजर पोस्टपेड मोबाइल टैरिफ और डाटा रेट्स पर है.
प्रीपेड के बाद पोस्टपेड टैरिफ होगा महंगा!
टेलीकॉम जानकारों का मानना है कि प्रीपेड टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियां 2022 में भी टैरिफ बढ़ा सकती हैं. पोस्टपेड टैरिफ टेलीकॉम कंपनियां बढ़ाती भी है तो उनकी सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ता. क्योंकि ग्राहकों के खोने का डर नहीं होता. पोस्टपेड सब्कक्राइबर्स जल्दी नंबर पोर्ट नहीं कराते. पोस्टपेड कस्टमर्स उन्हीं कंपनियों में पोस्टपेड कनेक्शन रखते हैं जिनकी सेवाओं पर उनका भरोसा होता है. हालांकि इसके मुकाबले प्रीपेड कस्टमर्स सबसे ज्यादा नंबर पोर्ट कराते हैं.
भारत में टैरिफ है सबसे सस्ता
दरअसल जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के चलते भारत में मोबाइल टैरिफ सबसे सस्ता है जिसका खामियाजा पूरे टेलीकॉम सेक्टर को उठाना पड़ा है. इसके चलते सरकार को टेलीकॉम कंपनियों को बेलआउट पैकेज भी देना पड़ा है. ऐसे में टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर हर हाल में अपनी वित्तीय सेहत को सुधारना चाहते हैं. यही वजह है कि प्रीपेड टैरिफ के बढ़ने के बाद अब पोस्टपेड टैरिफ बढ़ने की संभावना बढ़ गई है.
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