Mobile Tariff Hike Likely: मोबाइल टैरिफ और भी महंगा हो सकता है क्योंकि टेलीकॉम सेवा देने वाली कंपनियां मोबाइल टैरिफ बढ़ाने की योजना बना रही हैं. दरअसल निष्क्रिय यूजर्स के चलते टेलीकॉम कंपनियों का ARPU (average revenue per user) घटता जा रहा है. इसमें बढ़ोतरी करने के साथ राजस्व बढ़ाने के मकसद से कंपनियां मोबाइल टैरिफ बढ़ा सकती है. इससे पहले साल 2021 के खत्म होने के ठीक एक महीने एयरटेल, वोडाफोन आइडिया के इलावा रिलायंस जियो ने प्रीपेड मोबाइल टैरिफ को बढ़ाने का ऐलान किया था. लेकिन आने वाले समय में टेलीकॉम कंपनियां प्रीपेड के साथ अब पोस्टपेड मोबाइल टैरिफ बढ़ाने की तैयारी में है.
5जी स्पेक्ट्रम की बोली में भाग लेने की तैयारी
दरअसल ट्राई ने 5जी सेवा के लिए स्पेक्ट्रम की कीमतों को लेकर अपने सुझाव सरकार को सौंप दिया है. टेलीकॉम कंपनियों को इस बोली में हिस्सा लेने के लिए पैसे जुटाने और वित्तीय सेहत में सुधार करने के लिये ये कंपनियां फिर मोबाइल टैरिफ बढ़ा सकती हैं और इसी बार नजर पोस्टपेड मोबाइल टैरिफ और डाटा रेट्स पर है.
टैरिफ बढ़ाने के दिए थे संकेत
फरवरी 2022 में वित्तीय नतीजों के ऐलान के बाद देश की दूसरी बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने टैरिफ बढ़ाने के संकेत दिए थे. वित्तीय नतीजों के आने के बाद एयरटेल के टॉप मैनेजमेंट ने कहा है कि एक और मोबाइल टैरिफ हाईक किया जा सकता है. कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने बताया कि भले ही अगले 3 या चार महीने में मोबाइल टैरिफ नहीं बढ़े लेकिन इस कैलेंडर वर्ष में मोबाइल टैरिफ बढ़ाई जा सकती है और कंपनी टैरिफ बढ़ाने से नहीं हिचकेगी. कंपनी के मैनेजमेंट के मुताबिक ARPU (average revenue per user) 2022 में 200 रुपये करने का लक्ष्य रखता है जो अभी 163 रुपये है.
भारत में टैरिफ है सबसे सस्ता
दरअसल जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के चलते भारत में मोबाइल टैरिफ सबसे सस्ता है जिसका खामियाजा पूरे टेलीकॉम सेक्टर को उठाना पड़ा है. इसके चलते सरकार को टेलीकॉम कंपनियों को बेलआउट पैकेज भी देना पड़ा है. ऐसे में टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर हर हाल में अपनी वित्तीय सेहत को सुधारना चाहते हैं. यही वजह है कि प्रीपेड टैरिफ के बढ़ने के बाद अब पोस्टपेड टैरिफ बढ़ने की संभावना बढ़ गई है.
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