शातिर लोगों का गिरोह तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों के साथ ठगी करता है. उनके झांसे में अक्सर भोले-भाले लोग फंस जाते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई से हाथ धो बैठते हैं. मार्केट में एक इसी तरह का फ्रॉड मोबाइल टावर लगाने के नाम पर चल रहा है, जिसे लेकर दूरसंचार नियामक ट्राई ने लोगों को अलर्ट किया है.


ट्राई की ओर से लोगों को भेजे गए एसएमएस


भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने लोगों को एसएमएस के जरिए मोबाइल टावर के नाम पर हो रहे फ्रॉड के प्रति अलर्ट किया है. ट्राई के द्वारा भेजे जा रहे एसएमएस में कहा गया है कि उसकी तरफ से कोई एनओसी नहीं दी जाती है. ट्राई का एसएमएस है- ध्यान रखें कि TRAI मोबाइल टॉवर लगाने के लिए NOC जारी नहीं करता है. यदि कोई धोखे से आपको इस तरह के पत्र के साथ संपर्क करता है तो यह विषय संबंधित मोबाइल सेवा प्रदाता को सूचित किया जा सकता है.


पीआईबी फैक्टचेक ने भी किया था सावधान


इससे पहले इस महीने की शुरुआत में पीआईबी फैक्टचेक ने भी लोगों को मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन फ्रॉड के बारे में आगाह किया था. पीआईबी फैक्टचेक ने कहा था कि लोगों को मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन के लिए दूरसंचार विभाग के नाम पर फर्जी एनओसी पकड़ाए जा रहे हैं और उसकी एवज में पैसे ठगे जा रहे हैं. पीआईबी फैक्टचेक ने बताया था कि दूरसंचार विभग के द्वारा मोबाइल टावर के इंस्टॉलेशन के लिए कोई फीस या टैक्स नहीं लिया जाता है.


टावर फ्रॉड का ये है मोडस ओपेरांडी


दरअसल मोबाइल टावर के नाम पर लोगों को झांसा दिया जाता है कि उनकी जमीन या छत पर टावर लगने से उन्हें हर महीने कमाई होने लगेगी. टावर के बदले उन्हें एकमुश्त रकम के अलावा हर महीने तय रकम का भुगतान मिलेगा. भोले-भाले लोग इससे लोभ में पड़ जाते हैं. फिर उन्हें ट्राई या टेलीकॉम डिपार्टमेंट के नाम पर फर्जी एनओसी पकड़ा दिया जाता है और उनसे उसके बदले में पैसे ऐंठ लिए जाते हैं.


मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन के नाम पर फ्रॉड


ट्राई ने कुछ ही समय पहले मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन फ्रॉड को लेकर भी लोगों को अलर्ट किया था. उसने कहा था कि वह मोबाइल नंबरों के सत्यापन/ डिस्कनेक्शन/ गैरकानूनी गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए कभी भी कोई संदेश या कॉल नहीं भेजता है. ट्राई के नाम से आने वाले ऐसे मैसेज/कॉल से सावधान रहें. ऐसी कोई भी कॉल या संदेश संभावित रूप से धोखाधड़ी माना जाना चाहिए और इसे संचार साथी प्लेटफार्म पर चक्षु माड्यूल (https: // sancharsaathi.gov.in/sfc/) के माध्यम से दूरसंचार विभाग को अथवा गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल https://www.cybercrime.gov.in पर सूचित किया जा सकता है.


ये भी पढ़ें: शेयर बाजार में चल रहा फ्रॉड, डिस्काउंट पर स्टॉक देने के नाम पर धोखाधड़ी, एनएसई ने किया अलर्ट