New Tax Laws: 2024 लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटती है तो देश में बढ़ती आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए डायरेक्ट टैक्स कानून में बड़े बदलाव कर सकती है. प्रत्यक्ष कर कानून में बदलाव के जरिए मोटी कमाई करने वालों से ज्यादा कैपिटल गेन टैक्स वसूला जा सकता है. 


ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार अपने प्रत्यक्ष कर कानूनों में आमूल-चूल बदलाव करने की तैयारी कर रही है. जिससे देश में बढ़ती आर्थिक असमानता को कम किया जा सके.  इसमें सबसे प्रमुख होगा मोटी कमाई करने वालों से कैसे ज्यादा कैपिटल गेन टैक्स की वसूली की जाये. मौजूदा समय में सरकार ज्यादा इनकम वालों से सबसे अधिकतम 30 फीसदी तक इनकम टैक्स वसूलती है. इसके अलावा शेयरों के खरीद फरोख्त पर कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाता है.  


रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में वित्त मंत्रालय को जो प्रस्ताव सौंपा गया था उसे 2024 में लागू करने को लेकर एक पैनल का गठन किया जा सकता है. हालांकि इसे लेकर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस खबर पर प्रतिक्रिया मांगने वाले ईमेल का तुरंत जवाब नहीं दिया. इस खबर के सामने आने के बाद शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स में 0.6% तक की गिरावट आ गई.  


ज्यादातर अर्थशासत्रियों का मानना है कि भारत पूंजी पर प्रत्यक्ष कर लगाने की बजाये अप्रत्यक्ष कर पर ज्यादा निर्भर है जो खपत पर लगाया जाता है जो भारत में गरीबी का प्रमुख कारण है. 2018 से लेकर 2022 के बीच भारत ने हर दिन 70 मिलियनायर पैदा किए हैं. ऑक्सफैम इंटरनशनल की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 10 फीसदी आबादी का राष्ट्र के 77 फीसदी संपत्ति पर कब्जा है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 6 फीसदी आबादी इनकम टैक्स का भुगतान करती है. 


दुनियाभर के देशों में आर्थिक असमानता को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. चीन में राष्ट्रपति जी जिंपिंग ने कॉमन प्रॉसपेरिटी प्रोग्राम को शुरू किया है तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाने का फैसला किया है. मोदी सरकार जो तीन दशकों में सबसे बड़े बहुमत के साथ गरीबी दूर करने के वादे का साथ सत्ता में आई थी लेकिन उसपर अमीरों को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाने का आरोप लगता रहा है.  
 
अपने पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ने कई अप्रत्यक्ष करों को खत्म कर 2017 में जीएसटी को लागू किया. नए डायरेक्ट टैक्स कानून से टैक्स सिस्टम में बड़े बदलाव को पूरा किया जा सकेगा. इससे बड़ी आबादी के जीवनस्तर को ऊपर उठाने में मदद मिलेगी. इससे भारत को बड़े उपभोक्ता बाजार के तौर पर डवलप किया जा सकेगा जिसे वैश्विक कंपनियों टारगेट कर सकेंगी. 
 
2009 में मोदी सरकार के पूर्व वाली यूपीए सरकार ने छह दशक पुराने इनकम कानून में बदलाव का प्रस्ताव किया था लेकिन एक के बाद एक सभी सरकारें इसमें बदलाव करने में विफल रही हैं. इस दौरान व्यक्तियों से लेकर कंपनियों के लिए टैक्स रेट में बदलाव किया गया है. हालांकि कैपिटल गेन के टैक्स रेट में सुधार को लेकर अबतक फैसला नहीं लिया जा सका है. 


नए डायरेक्ट टैक्स कोड के साथ सरकार जटिल टैक्स प्रणाली को सरल बनाना चाहती है. जिससे चीन और अमेरिका के बीच तनाव के चलते चीन से बाहर कारोबार शिफ्ट करने पर विचार रही कंपनियों को आकर्षित किया जा सके. इस कदम से वोडाफोन पीएलसी और केयर्स एनर्जी पीएलसी को लेकर पैदा हुए टैक्स विवाद से छवि को पहुंचे नुकसान की भरपाई की जा सकेगी. 


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