(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Petrol-Diesel Tax Cut: चुनावों से पहले महंगाई से राहत देने के लिए मोदी सरकार ले सकती है बड़े फैसले, पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कटौती संभव!
Modi Government: अगले 8 महीने में विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव होने हैं ऐसे में मोदी सरकार महंगाई से राहत देने के लिए बड़े फैसले लेने की तैयारी में है.
Petrol-Diesel Tax Cut: आने वाले दिनों में आपको महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत मिल सकती है. मोदी सरकार पेट्रोल डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर सकती है जिससे पेट्रोल डीजल की कीमतों में कमी लाई जा सके. इतना ही नहीं, केंद्र सरकार गेहूं पर लगने वाले इंपोर्ट ड्यूटी को 40 फीसदी से घटाकर शून्य कर सकती है जिससे देश में सस्ते गेहूं के इंपोर्ट को सुनिश्चित किया जा सके. इसके अलावा एडिबल ऑयल के भी इंपोर्ट ड्यूटी में कमी की जा सकती है.
महंगाई से राहत का भरोसा
15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए कदम उठाने का भरोसा दिया था. माना जा रहा है कि पीएम मोदी आने वाले दिनों में इस दिशा में कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं.
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कटौती संभव
मोदी सरकार आम लोगों को राहत दिलाने के लिए पेट्रोल डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में कटौती का ऐलान कर सकती है. केंद्र सरकार फिलहाल पेट्रोल पर 19.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है. पेट्रोल पर टैक्स घटाने से लोगों के लिए ईंधन गाड़ी में डलवाना सस्ता होगा तो डीजल पर टैक्स घटाने से महंगाई कम करने में मदद मिलेगी क्योंकि माल ढुलाई की लागत कम होगी.
गेहूं - खाने के तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती संभव
सरकार विदेशों खासतौर से रूस से गेहूं इंपोर्ट करने पर विचार कर रही है. फिलहाल गेहूं के इंपोर्ट पर 40 फीसदी ड्यूटी का प्रावधान है. मोदी सरकार इसे शून्य कर सकती है जिससे घरेलू बाजार गेहूं की सप्लाई बढ़ाकर उसे सस्ता कर आम लोगों को महंगाई से राहत दिलाई जा सके. एडिबल ऑयल यानि खाने के तेल पर भी इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती के आसार हैं.
ऐसे करेगी सरकार भरपाई
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोल डीजल और खाद्य वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स कटौती से सरकार के राजस्व में जो एक लाख करोड़ रुपये की कमी आएगी वो सरकार अलग अलग मंत्रालयों के बजट में कटौती के जरिए पूरा करने पर विचार कर रही है जिससे राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने में कोई दिक्कत ना आए.
महंगाई ने बढ़ाई चिंता
दरअसल जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर 7.44 फीसदी के लेवल पर जा पहुंची है जो 15 महीने का उच्च लेवल है. वहीं खाद्य महंगाई दर 11.51 फीसदी रही है जो बताने के लिए काफी है कि आम आदमी किस कदम महंगाई से परेशान है. ऐसे में चुनावी साल को देखते हुए मोदी सरकार आम लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए बड़े फैसले ले सकती है.
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