Modi Government Schemes: 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से उसने गरीबों को बैंकों सेवा के साथ जोड़ने से लेकर, जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा स्कीम के साथ जोड़ा है. इतना ही नहीं मोदी सरकार ने गरीब को खाना पकाने के दौरान धुएं से बचाने के लिए एलपीजी कनेक्शन मुफ्त में उपलब्ध कराया है. गरीबों को इलाज के लिए अपना घर-बार से लेकर जमीन बेचना पड़ता है. उनके लिए आयुष्मान भारत योजना को लॉन्च किया गया तो कोरोना के दौरान जब करोड़ो लोगों को घर में बंद रहना पड़ा था तो मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लोगों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के बजट सत्र के पहले संसद के दोनों सदन को संबोधित करते हुए मोदी सरकार के कल्याणकारी योजनाओं की जमकर तारीफ की. आइए डालते हैं मोदी सरकार के इन कल्याणकारी योजनाओं की उपलब्धियों पर एक नजर.
प्रधानमंत्री जनधन योजना
हर गरीब को बैंकिंग सेवा के साथ जोड़ने के लिए अगस्त 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनधन योजना को लॉन्च किया था. साढ़े 8 सालों में जनधन योजना के तहत 47.93 करोड़ बैंक खाता गरीबों का खोला गया है. और इन खातों में कुल 1.86 लाख करोड़ रुपये के करीब जमा हैं. इस योजना के तहत जिनका कोई बैंक खाता नहीं है उनका खाता खोला जाता है. खाते में कोई न्यूनतम बैलेंस रखने की जरुरत नहीं है. खाताधारक को रुपे डेबिट कार्ड दिया जाता है. साथ ही 28 अगस्त 2018 के बाद जिनका खाता खुला है उन्हें रुपे कार्ड के साथ 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलता है. 10,000 रुपये का ओवरड्रॉफ्ट फैसिलिटी का लाभ भी खाताधारक उठा सकते हैं. साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए खाताधारकों के बैंक खाते में पहुंचता है. जनधन-आधार-मोबाइल से फर्जी लाभार्थियों को हटाने में सरकार को मदद मिली है तो बीते वर्षों में डीबीटी के रूप में, डिजिटल इंडिया के रूप में, एक स्थाई और पारदर्शी व्यवस्था देश ने तैयार की है. 300 योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में पहुंच रहा है. अब तक पारदर्शिता के साथ 27 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम करोड़ों लोगों तक पहुंचाई गई है.
आयुष्माण भारत योजना
गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके और वे बड़े अस्पताल में अपना इलाज करा सकें इसके लिए मोदी सरकार आयुष्मान भारत योजना लेकर आई. इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है. ज्यादातर गरीब या तो बिना इलाज के मर जाते हैं या फिर इलाज कराने में अपना जब कुछ गवां देते हैं. आयुष्मान भारत ने करोड़ो गरीबों को और गरीब होने से बचाया है और उनके 80,000 करोड़ रुपये खर्च होने से बचाए हैं. इस योजना के तहत 50 करोड़ से अधिक देशवासियों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने छोटे किसानों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लेकर आई है. इस योजना के तहत छोटे किसानों के साल में 6,000 रुपये का सहायता सरकार प्रदान करती है जिससे किसान अपने लिए बीज-खाद खरीद सकें. 2000 रुपये की रकम साल में तीन किस्तों में किसानों को हर चार महीने के अंतराल पर जारी किया जाता है. देश में 11 करोड़ छोटे किसानों को पीएम किसान योजना का लाभ दिया जा रहा है. और इस योजना के तहत छोटे किसानों को 2.25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद दी गई है. इन लाभार्थियों में 3 करोड़ महिला लाभार्थी महिलाएं हैं जिन्हें सरकार की ओर से 54000 करोड़ रुपये दिया गया है. किसानों को अब पीएम किसान योजना की 13वीं किस्त का इंतजार है.
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना को 2016 में लॉन्च किया गया था जिसका मकसद था लकड़ी जलाकर खाना पकाने वाली महिलाओं को एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराना जिससे धुएं से होने वाली बीमारी से उन्हें बचाया जा सके. पीएम उज्जवला योजना के अंतर्गत सरकार ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों और 18 वर्ष से ज्यादा की बीपीएल कार्ड धारक महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन उपलब्ध कराती है. सरकार योजना के तहत कनेक्शन लेने के लिए 1600 रुपये की सब्सिडी देती है. कोरोना महामारी के दौरान उज्जवला योजना के लाभार्थियों को सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की तीन बार मुफ्त रिफिंलिंग की सुविधा प्रदान की थी और फिलहाल उज्जवला योजना के लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी दी जाती है.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
कोरोना महामारी के चलते जब देश में लॉकडाउन लग गया तो गरीबों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 80 करोड़ लोगों को 5 किलो मुफ्त अनाज देने का एलान किया गया. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) कोविड-19 संकट के दौरान मुश्किल समय में शुरू हुई थी, जिसने गरीबों, जरूरतमंदों, गरीब परिवारों, लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराई है ताकि इन लोगों को खाद्यान्नों की पर्याप्त उपलब्धता न होने से कोई परेशानी न हो. मुफ्त अनाज देने वाली इस योजना 31 दिसंबर 2022 को बंद कर दिया गया. हालांकि कोरोना के बाद से सरकार पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त अनाज देने के लिए 3.50 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. सरकार ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को नए रूप में चला रही है. जिन 80 करोड़ से ज्यादा गरीबों को इस योजना के तहत मुफ्त अनाज मिलता रहा है, उन्हें अगले एक साल यानी दिसंबर 2023 तक नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत मुफ्त अनाज मिलती रहेगी. जनवरी से दिसंबर 2023 तक फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत 81.35 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज दिया जाएगा जिसपर करीब 2 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी.
एनएफएसए के तहत गरीबों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराया जाएगा. खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाले नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत सरकार की तरफ से हरेक पात्र व्यक्ति को हर महीने तीन रुपये प्रति किलो की दर पर चावल और दो रुपये प्रति किलो की दर पर गेहूं और एक रुपये प्रति किलो की दर पर मोटा अनाज दिया जाता है. लेकिन अब 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन दिया जाएगा.
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