Onion Price Today In India : केंद्र की मोदी सरकार ने प्याज (Onion Price) की कीमतों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. बता दे कि सरकार ने अपने बफर स्टॉक से करीब 54,000 टन प्याज को खुले बाजार में बेचने का फैसला किया है. इस बारे में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs) का कहना है कि प्याज की कीमतों को काबू करने के लिए सरकार के पास अभी 2.5 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है. जिसे सरकार ने पिछले हफ्ते राज्यों को दिया था. 


इन शहरों में भेजा बफर स्टॉक 
आपको बता दे कि सरकार ने बफर स्टॉक से करीब 50,000 टन प्याज दिल्ली में भेजी है. जिससे देशभर में प्याज आसानी से पहुंच सकेगी. प्याज की कीमतें अखिल भारतीय औसत दरों से थोड़ी तेजी चल रही है. पिछले 5 सालों में केंद्र ने प्याज के बफर स्टॉक में रिकॉर्ड स्तर पर इजाफा किया गया है. कारोबारी साल 2021-22 में सरकार ने 2.08 लाख टन प्याज बफर स्टॉक के तौर पर तैयार किया था. इसके पहले कारोबारी साल में सरकार ने 1 लाख टन प्याज खरीदा गया था.


बारिश ने बिगाड़ा खेल 
देश के प्याज कारोबारियों का कहना है कि महाराष्ट्र और उत्तरी कर्नाटक में तेज बारिश हुई है. इससे व्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है. आपको बता दे कि बारिश के चलते फसल की आवक में भारी गिरावट आ सकती है. ऐसे में कीमतें तेजी से बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है. 


प्याज का पुराना स्टॉक हुआ खत्म 
जब तक नई फसल की उपज बाजार तक नहीं पहुंचती है, तब तक प्याज की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है. नवंबर माह के पहले हफ्ते तक प्याज की नई उपज बाजार तक पहुंचने की उम्मीद है. कृषि उपज मंडी समिति (Agricultural Produce Market Committee-APMC) का कहना है कि प्याज का पुराना स्टॉक अब खत्म होने वाला है. फिलहाल इसी स्टॉक से सप्लाई हो रही है. यही कारण है की प्याज की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है.


40 रु प्रति किलो चल रहा दाम 
आपको बता दे कि रिटेल बाजार में प्याज का खुदरा भाव 40 रुपए प्रति किलो ग्राम चल रहा है. ये भाव 50 रुपए प्रति किलोग्राम तक जा सकता है. अक्टूबर माह की शुरुआत तक प्याज का थोक भाव 15 रुपए और खुदरा भाव 25 रुपए पर था. करीब 15 दिनों में गोदामों से प्याज की खरीदरी में 30-40 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है.


खरीफ से शुरू होती है सप्लाई 
बाजार तक नई उपच पहुंचने तक प्याज की कीमतें सामान्य होने की उम्मीद है. भारत में कुल उत्पादन रबी प्याज का योगदान 70 फीसदी तक है. खरीब प्याज का योगदान कम होने के बाद भी सप्लाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होता है. सितंबर से नवंबर माह के बीच प्याज की सप्लाई खरीफ मौसम से शुरू हो जाती है.


 


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