देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस के पूर्व सीएफओ एवं बोर्ड मेंबर मोहनदास पई ने एक बार फिर से देश में टैक्स टेररिज्म का मुद्दा उठाया है. इस बार उन्होंने आईआईटी दिल्ली को जीएसटी डिपार्टमेंट की ओर से भेजे गए डिमांड नोटिस को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है.


सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं उद्यमी मोहनदास पई ने जीएसटी नोटिस के इस मुद्दे पर अपडेट शेयर किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक खबर शेयर करते हुए टैक्स टेररिज्म की बात दोहराई है. इससे पहले जब इंफोसिस को जीएसटी डिपार्टमेंट की ओर से टैक्स डिमांड नोटिस भेजा गया था, तब भी उन्होंने सरकार की आलोचना की थी.


रिसर्च ग्रांट पर 120 करोड़ की डिमांड


ताजा मामला आईआईटी दिल्ली से जुड़ा हुआ है, जिसमें देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में से एक को जीएसटी नोटिस भेजा गया है. खबरों के अनुसार, आईआईटी दिल्ली से जीएसटी डिपार्टमेंट ने 120 करोड़ रुपये के बकाए जीएसटी की डिमांड की है. यह मामला विवादों में घिर चुका है, क्योंकि बकाए का नोटिस आईआईटी दिल्ली को मिले रिसर्च ग्रांट के लिए भेजा गया है.


आईआईटी दिल्ली से पूछा गया कारण


आईआईटी दिल्ली को साल 2017 से 2022 के बीच मिले रिसर्च ग्रांट को लेकर जीएसटी डिपार्टमेंट ने 120 करोड़ रुपये की डिमांड की है, जिसमें बकाया टैक्स के अलावा ब्याज व पेनल्टी भी शामिल है. नोटिस में आईआईटी दिल्ली को कारण बताने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया है और उससे पूछा गया है कि संबंधित ग्रांट पर पेनल्टी समेत टैक्स क्यों नहीं वसूल किया जाना चाहिए.


शिक्षा मंत्रालय करेगा नोटिस का विरोध


यह मुद्दा पहले ही विवादित हो चुका है. आईआईटी दिल्ली ने इस मामले पर आधिकारिक रूप से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन शिक्षा मंत्रालय ने नोटिस को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि सरकार से फंड पाने वाले रिसर्च पर जीएसटी नहीं लग सकता है. अधिकारी के अनुसार, मंत्रालय आईआईटी दिल्ली को मिले नोटिस का विरोध करने वाला है.


‘क्या टैक्स टेररिज्म की नहीं है कोई हद?’


मोहनदास पई ने खबर शेयर करते हुए लिखा है- आईआईटी दिल्ली को मिले रिसर्च ग्रांट पर जीएसटी की डिमांड से शिक्षा पर टैक्स लगाने का विवाद शुरू हो गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए कहा कि टैक्स टेररिज्म फिर से सबसे खराब स्तर पर है. उन्होंने साथ ही सवाल उठाया कि आखिर जीएसटी डिपार्टमेंट और सीबीआईसी के साथ दिक्कत क्या है? क्या टैक्स टेररिज्म की कोई लिमिट नहीं है? यह दुखद है.


 






इससे पहले इंफोसिस को जीएसटी डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस मिलने पर भी मोहनदास पई ने उसे टैक्स टेररिज्म करार दिया था. मोहनदास पई को मोदी सरकार के समर्थक उद्यमियों में गिना जाता रहा है, लेकिन इधर वह लगातार सरकार की नीतियों खासकर टैक्स पॉलिसी की कड़ी आलोचना कर चुके हैं.


ये भी पढ़ें: इंफोसिस को जीएसटी नोटिस से भड़के मोदी समर्थक बिजनेसमैन, बोले- ये टैक्स टेररिज्म है