बदलते दौर के साथ सेविंग (Saving) और इन्वेस्टमेंट (Investment) को लेकर लोगों की फिक्र बढ़ी हैं. इन्वेस्टमेंट की बात करें तो अभी इसके लिए मार्केट में कई प्रोडक्ट मौजूद हैं. खासकर इंश्योरेंस (Insurance) को इसके सबसे बेहतर उपायों में गिना जाता है, हालांकि जब भी इसकी बात आती है, तो सबसे ज्यादा चर्चा होती है एंडोमेंट प्लान (Endowment Plan) और मनी बैक (Money Back) पॉलिसी की.
दोनों तरह के प्लान में फर्क
यूं तो दोनों तरह की पॉलिसी के अपने फायदे हैं और दोनों में कुछ समानताएं भी हैं, लेकिन इन दोनों में कुछ फर्क भी है. अगर आप इन दोनों तरह के प्लान के फर्क को अच्छे से समझ जाएं तो आप सबसे बेहतर तरीके से इनका इस्तेमाल कर ज्यादा से ज्यादा उठा सकते हैं. आइए समझते हैं दोनों में क्या अंतर हैं और कहां निवेश करने में है ज्यादा फायदा...
एंडोमेंट बनाम मनी बैक प्लान
- एंडोमेंट प्लान और मनी बैक प्लान दोनों ही जीवन बीमा के साथ निवेश का विकल्प देते हैं.
- एंडोमेंट प्लान में पॉलिसी मैच्योर होने पर सम एश्योर्ड (टोटल प्रीमियम + बोनस) की रकम मिलती है. यानी मैच्योरिटी के वक्त मोटा पैसा हाथ में आता है.
- दूसरी तरफ, मनी बैक पॉलिसी में निश्चित समय पर जैसे पॉलिसी के 4 साल, फिर 8 साल, फिर 12 साल पूरा होने पर रिटर्न के रूप में कुछ पैसा मिलता है. इससे नकदी की उपलब्धता बनी रहती है. पॉलिसी पूरी होने पर बाकी की रकम दे दी जाती है.
- एंडोमेंट पॉलिसी का प्रीमियम मनी बैक के मुकाबले कम होता है. वहीं, एंडोमेंट पॉलिसी में मनी बैक पॉलिसी से ज्यादा बोनस और रिटर्न मिलता है.
- दोनों पॉलिसी में डेथ बेनेफिट मिलता है. यानी बीमा की अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मौत होने पर सम एश्योर्ड की रकम नॉमिनी को मिलती है. यह रकम पूरी तरह से टैक्स-फ्री है.
- एंडोमेंट और मनी बैक दोनों में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है.
कम शब्दों में समझें फर्क
अब आप सारी बात समझ ही गए होंगे. अगर आपको कम प्रीमियम भरना है और रिटर्न ज्यादा पाना है, तो इसके लिए एंडोमेंट प्लान बेहतर हैं. एकमुश्त मोटी रकम चाहने वालों के लिए भी यही बेहतर हैं. वहीं अगर आपको बीच-बीच में रकम चाहिए, तो मनी बैक प्लान को चुनें. हालांकि इसके लिए आपको ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ेगा और साथ ही साथ रिटर्न के मामले में भी कुछ समझौता करना होगा.