RTGS और NEFT के जरिये पैसे भेजना कल से होगा सस्ता, आरबीआई ने किया था एलान
अब आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए पैसे भेजना सस्ता हो जाएगा. आरबीआई के फैसले के मुताबिक कल से इन पर लगने वाला चार्ज खत्म होगा.

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले के मुताबिक आरटीजीएस और एनईएफटी सिस्टम के जरिये पैसा भेजना सोमवार एक जुलाई से सस्ता हो जाएगा. रिजर्व बैंक ने इस तरह के मनी ट्रांसफर पर बैंकों के ऊपर किसी भी तरह का चार्ज नहीं लगाने का फैसला किया है. रिजर्व बैंक ने एक जुलाई से आरटीजीएस और एनईएफटी सिस्टम से लेनदेन पर चार्ज हटाने की घोषणा की है. रिजर्व बैंक ने इसी के साथ बैंकों को उसी दिन से ग्राहकों को नई व्यवसथा का फायदा देने के लिए कहा है.
क्या है आरटीजीएस और एनईएफटी सिस्टम रीयल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) प्रणाली का इस्तेमाल बड़ी राशि के लेनदेन के लिए उपयोग किया जाता है. वहीं नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) प्रणाली का उपयोग दो लाख रुपये तक की राशि के लेनदेन के लिए होता है.
भारतीय बैंक संघ के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा, ‘डिजिटल लेनदेन बढ़ाने के लिहाज से रिजर्व बैंक ने आरटीजीएस और एनईएफटी मनी ट्रांसफर पर बैंकों पर कोई भी चार्ज नहीं लगाने का निर्णय किया है. यह कदम बैंकों को ग्राहकों के लिए इन डिजिटल माध्यमों से फंड ट्रांसफर पर चार्ज कम करने में मदद करेगा.’
आरटीजीएस और एनईएफटी सिस्टम पर कितना है चार्ज देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक एनईएफटी के जरिये पैसा भेजने पर एक से पांच रुपये और आरटीजीएस पर पांच से 50 रुपये तक का चार्ज वसूलता है.
देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बैंक ने नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी. समिति ने ऑनलाइन लेनदेन पर इस तरह के चार्ज हटाने की सिफारिश की थी जिसके बाद आरबीआई ने यह फैसला लिया था.
रिजर्व बैंक ने एटीएम से लेनदेन पर बैंकों द्वारा लिए जाने वाले चार्जों की समीक्षा के लिए भी भारतीय बैंक संघ के कार्यकारी प्रमुख वी. जी. कन्नन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है. इसकी रिपोर्ट जल्द ही सामने आयेगी.
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