Monsoon Delayed: मानसून में देरी से खरीफ फसलों की बुआई में हो रही देरी, महंगाई से राहत की उम्मीदों को लग सकता है झटका!
Kharif Crops Sowing: मानसून में देरी से खरीफ फसलों की बुआई में देरी हो रही है. धान, तिलहन और दलहन की अभी बुआई की जाती है.
Monsoon Concern: किसान इस खरीफ सीजन में खरीफ फसलों की बुआई करने के लिए मानसून के इंतजार में है. लेकिन मानसून में हो रही देरी से धान, दलहन और तिलहन की बुआई पर असर पड़ता दिख रहा है. केरल में मानसून ने लेट से दस्तक दिया है और पूरे देश में मानसून में देरी के चलते सामान्य से 53 फीसदी कम बारिश हुई है. वहीं मानसून में देरी ने अल नीनो की चिंताओं को हवा देने का काम कर रहा जिसकी आशंका पहले से जताई जा रही थी. तो मानसून में देरी महंगाई के मोर्चे पर चिंता बढ़ाने का काम कर रही है.
खरीफ फसलों की बुआई में देरी
ज्यादातक कृषि क्षेत्र में धान, दलहन और तिलहन की बुआई में 12 दिनों से ज्यादा की देरी हो चुकी है जिससे पैदावार में कमी की अभी से आशंका जाहिर की जाने लगी है. सोयाबीन की पैदावार सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती है क्योंकि उसकी खेती के लिए सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है. दलहन की बुआई मानसून के आने के बाद खेत में 2 इंच से ज्यादा पानी होने के बाद की जाती है.
मानसून में देरी से बढ़ी चिंता
मध्य भारत जो कृषि का प्रमुख केंद्र है वहां 55 फीसदी बारिश में कमी है. दक्षिण क्षेत्रों में 61 फीसदी और पूर्वी उत्तरपूर्व क्षेत्रों में 23 फीसदी बारिश में कमी देखी जा रही है. भारतीय मौसम विभाग ने इस वर्ष सामान्य मानसून की उम्मीद जाहिर की है जबकि मौसम की भविष्यवाणी करने वाली स्काईमेट ने जुलाई के पहले हफ्ते तक मुख्य कृषि वाले इलाकों में बारिश में कमी की आशंका जाहिर की है. अपने अनुमान में स्काईमेट ने कहा कि उत्तरी और मध्य भारत में इस वर्ष कम बारिश हो सकती है. कई दूसरी रिसर्च रिपोर्ट्स का मानना है कि इस वर्ष अल नीनो के असर के चलते सूखे जैसे हालात पैदा हो सकते हैं जिससे खाद्यान्न उत्पादन में कमी आ सकती है.
मानसून में देरी से महंगाई का खतरा
पिछले हफ्ते ही विदेशी ब्रोकरेज हाउस डॉयचे बैंक ने अपने अनुमान में कहा कि अब तक बारिश सामान्य से 53 फीसदी कम है. साउथ वेस्ट मानसून में देरी से खरीफ फसल की बुआई में देरी हो रही है. ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि अल नीनो के आशंका सच साबित हुई तो इससे मानसून में देरी से महंगाई बढ़ने का खतरा है. कमजोर मानसून के असर खरीफ फसलों की बुआई पर देखने को मिल सकता है. कम मानसून का सबसे बड़ा असर सबसे प्रमुख खरीफ फसल धान की खेती पर पड़ सकता है. अल नीनो के चलते देश में सूखा पड़ सकता है जिससे खाद्य वस्तुओं के सप्लाई पर दबाव देखने को मिल सकती है. और इसका असर खाने-पीने की चीजों की कीमतों पर असर पड़ सकता है. खाद्य वस्तुएं महंगी हो सकती है.
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