(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
10 साल में मिले 10 करोड़ से ज्यादा जॉब, नौकरियों पर वित्त मंत्री ने किया बड़ा दावा
Monsoon Session 2024: नेता विपक्ष राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एनडीए के दस सालों में 10 करोड़ से ज्यादा जॉब्स का सृजन किया गया है.
Monsoon Session 2024: लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024 को मंजूरी मिल गई है. संसद के मानसून सत्र में बजट से जुड़े सवालों का मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया. विपक्ष मोदी सरकार पर लंबे वक्त से रोजगार का मुद्दा उठाकर निशाना साधता रहा है. वित्त मंत्री ने इसका भी जवाब संसद में दिया है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार में पिछले 10 सालों में 12 करोड़ से ज्यादा रोजगार पैदा किए हैं.
उन्होंने कहा कि यूपीए के कार्यकाल में 10 वर्ष के दौरान केवल 2 करोड़ रोजगार पैदा हुए थे. एनडीए सरकार ने उनसे 10 करोड़ ज्यादा नौकरियों का सृजन किया है. इसके साथ ही उन्होंने संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के राज्यों के बीच भेदभाव के आरोपों पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
राज्यों के बीच नहीं किया गया भेदभाव
सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि सरकार ने केवल दो राज्यों के लिए बजट में परियोजनाओं का ऐलान किया. बाकी सभी राज्यों के साथ भेदभाव किया है. इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि किसी राज्य का नाम नहीं लेने का मतलब यह नहीं कि हम उसके लिए कुछ नहीं कर रहे. विपक्ष के दावे को झूठा बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकारों में भी बजट के दौरान सभी राज्यों का नाम नहीं लिया जाता था. उन्होंने कहा कि 2004-05 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं लिया गया था. 2006-07 में 18 राज्य, 2009-10 में 26 राज्यों का बजट में नाम नहीं लिया गया था. साल 2012-13 में यूपीए सरकार ने 13 राज्यों का नाम बजट में नहीं लिया गया था.
हर क्षेत्र का बढ़ा आवंटन
लोकसभा में चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि हर सेक्टर में सरकार ने आवंटन बढ़ाया है. वित्त वर्ष 2013-14 में कृषि क्षेत्र के लिए 0.30 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जिसे अब 1.52 लाख करोड़ कर दिया गया है. शिक्षा और रोजगार के लिए इस साल सरकार ने पिछले साल के मुकाबले 1.48 लाख करोड़ रुपये का ज्यादा आवंटन किया गया है. महिलाओं और बच्चियों के लिए सरकार 3.27 लाख करोड़ रुपये खर्च करने वाली है. वित्त वर्ष 2013-24 में इस क्षेत्र में 0.96 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए सरकार 1.46 लाख रुपये खर्च करेगी.
बेरोजगारी में आई गिरावट-वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 से लेकर 2022-23 तक देश में बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिली है. देश में 15 से 29 वर्ष के युवाओं के बीच बेरोजगारी दर वित्त 2017-18 में 17.8 फीसदी से घटकर 2022-23 में 10 फीसदी पर आ गई है. महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ी है. वित्त वर्ष में यह 23 फीसदी से बढ़कर 37 फीसदी पर पहुंच गया है. वित्त वर्ष 2017-18 में महिलाओं में बेरोजगारी दर 6 फीसदी से कम होकर 2022-23 में 3.2 फीसदी पर पहुंच गया है.
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