मूडीज ने घटाया भारत का ग्रोथ रेट अनुमान, 4 फीसदी से ज्यादा की कटौती की
एजेंसी ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण से पैदा नकारात्मक असर अप्रैल-जून तक ही रहेगा. इसके बाद अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी.
रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विसेज ने मौजूदा वित्त वर्ष (2021-22) का जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटा दिया है. फरवरी में मूडीज इनवेस्टर्स सर्विसेज ने वित्त वर्ष 2021-22 में देश का ग्रोथ रेट 13.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था लेकिन अब इसने इसे घटा कर 9.3 फीसदी कर दिया है. इस तरह इसमें 4.4 फीसदी की कटौती की है. मूडीज ने ग्रोथ रेट अनुमान में कटौती कोरोना संक्रमण की वजह से आर्थिक गतिविधियों में आई रुकावट को देखते हुए किया है.
अर्थव्यवस्था पर कोरोना का असर जून तक ही सीमित
हालांकि एजेंसी ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण से पैदा नकारात्मक असर अप्रैल-जून तक ही रहेगा. इसके बाद अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी. मूडीज ने 2021-22 के बजट के बाद भारत में 10.8 फीसदी की विकास दर का अनुमान लगाया था. इसके बाद इसने इसमें बढ़ोतरी कर इसे 13.7 फीसदी कर दिया था और निगेटिव आउटलुक के साथ इसकी Baa3 रेटिंग बरकरार रखी थी.
पिछले साल जितना घातक नहीं होगा संक्रमण का असर
मूडीज ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ग्रोथ दर अनुमान 6.2 फीसदी से बढ़ा कर 7.9 फीसदी कर दिया है. जबकि एक और अहम रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड और पुअर्स ने विकास दर रेंज 8.2 से 8.9 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है. वहीं नोमुरा ने पहले 12.6 फीसदी के ग्रोथ का अनुमान लगाया था लेकिन अब इसे घटा कर 10.8 फीसदी कर दिया है. मूडीज ने कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जिस तरह से कहर बरपा रही है उससे अल्पावधि में आर्थिक रिकवरी में देरी होगी लेकिन लेकिन दीर्घावधि में ग्रोथ पर नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. अर्थव्यवस्था पर संक्रमण का असर पिछले साल जितना घातक नहीं होगा.
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