Moody's On Adani Group: पिछले कुछ दिनों में अडानी समूह (Adani Group) के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है. अब रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) इस ग्रुप की कंपनियों का आंकलन कर रही है. ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट जारी होने के बाद अडानी समूह के शेयर मूल्य में काफी गिरावट देखने को मिली है. जिसके कारण अडानी ग्रुप को काफी नुकसान पहुंचा है. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने अडानी समूह की 3 कंपनियों के वित्तीय मजबूती के बारे में अपना आंकलन लगाना शुरू कर दिया है. इन कंपनियों को केवल 7 दिन में 100 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा है. जानिए इस नुकसान के बारे में मूडीज ने क्या कहा...


रेटिंग में कोई बदलाव नहीं 


अडानी ग्रुप की 3 कंपनियों को मूडीज से रेटिंग मिली हुई है. जिसमें अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports and Special Economic Zone), अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) और अडानी ट्रांसमिशन कंपनी (Adani Transmission Company) को शामिल किया गया है. मूडीज का कहना है कि इन तीनों कंपनियों की रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि वह अब इन कंपनियों की वित्तीय मजबूती का आंकलन कर रही है. 


शेयरों में बड़ी गिरावट 


हाल ही में, अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के कर्ज के स्तर और टैक्स हैवन के इस्तेमाल पर सवाल उठाया था. कंपनी के इस आरोप के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है. अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए आरोपों को खारिज कर दिया है. साथ ही हिंडनबर्ग पर केस करने की धमकी दी है.


निवेश जुटाने में परेशानी बढ़ी


मूडीज ने कहा, इन घटनाक्रमों को देखकर लग रहा है कि, अब ग्रुप में निवेश के लिए पूंजी जुटाने की क्षमता कुछ कम हो जाएगी. इस स्थिति को सुधरने में 1-2 साल भी लग सकते है. साथ ही फिच ने इसकी रेटिंग पर तत्काल प्रभाव नहीं देखा है.


21वें स्थान पर खिसके अडानी 


ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बनने के बाद अडानी 21वें स्थान पर खिसक गए हैं. अडानी के शेयर्स में देखी जा रही भारी बिकवाली के कारण उनकी नेट वर्थ में लगातार गिर रही है. पिछले दो हफ्तों से गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में लगातार बड़ी गिरावट दर्ज हुई है. इस कारण कई बार शेयर्स पर लोअर सर्किट लगाना पड़ा है.


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