Moody's Investor Service: मूडीज ने कहा, महंगे खाने-पीने की चीजें और महंगे पेट्रोल डीजल सीएनजी का महंगाई दर बढ़ाने में है आधे से ज्यादा योगदान!
Inflation Data: आम आदमी का बजट किस प्रकार महंगे खाने पीने की चीजों और महंगे ईंधन से प्रभावित हुआ है ये किसी से छिपा नहीं है. महंगाई बढ़ाने में इनका सबसे बड़ा हाथ रहा है.
Inflation In India: बीते एक साल से आम लोग महंगे खाने-पीने की चीजों और महंगे पेट्रोल डीजल सीएनजी और रसोई गैस से परेशान हैं. रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने इस बात की तस्दीक की है. रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि भारत में फूड और फ्यूल का महंगाई बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान रहा है. मूडीज के मुताबिक कंजम्प्शन बास्केट (Consumption Basket) में फूड ( Food) और फ्यूल ( Fuel) की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. ऐसे में आधे से ज्यादा महंगाई बढ़ाने में इनका सबसे बड़ा योगदान रहा है.
मूडीज के मुताबिक भारत और मेक्सिको में खाने-पीने की चीजों की आसमान छूती कीमतों का महंगाई को बढ़ाने में आधे से ज्यादा योगदान रहा है. मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने 2023 के आउटलुक को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है जिसमें उसने कहा है कि भारत जैसे उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के सेंट्रल बैंक ने विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार बना रखा है जिससे वे करेंसी मार्केट में घरेलू करेंसी को गिरने से बचाने का काम कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत, थाइलैंड और इंडोनेशिया समेत दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सेंट्रल बैंक घरेलू करेंसी को ज्यादा गिरने से बचाने के लिए लगातार दखल देते रहे हैं.
मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नॉन परफॉर्मिंग लोन ( Non Performing Loan) के बट्टे खाते में डालने और रिकवरी के चलते भारतीय बैंकों के एसेट क्वालिटी में सुधार देखने को मिलेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन का विंड और सोलर पावर सबसे कम महंगा एनर्जी रिसोर्स है.
आपको बता दें अक्टूबर महीने के लिए जो खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा आया है उसके मुताबिक खाने पीने की चीजों के दामों में कमी के चलते महंगाई दर सितंबर महीने के 7.41 फीसदी से घटकर 6.77 फीसदी पर आ गया है. अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी पर जा पहुंचा था. जिसके बाद से लगातार खुदरा महंगाई दर उंचे दरों पर बना हुआ है. इसके चलते आरबीआई ने पॉलिसी रेट्स को सख्त करते हुए रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी की है जिससे कर्ज महंगा हुआ है.
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