India Sovereign Rating: भारत ने ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज इवेस्टर्स सर्विस के रेटिंग देने के तौर तरीकों को लेकर सवाल खड़े किए. मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की अध्यक्षता में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की आज दिल्ली में भारत की रेटिंग को बढ़ाने को लेकर मूडीज के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें भारतीय अधिकारियों ने रेटिंग बढ़ाने की मांग को रखते हुए मजबूती के साथ अपने पक्ष को रखा है.  


सूत्रों के मुताबिक भारतीय अधिकारियों को उम्मीद है कि मूडीज इवेस्टर्स सर्विस जल्द भारत की रेटिंग को अपग्रेड करेगा. बैठक में भारतीय अधिकारियों की तरफ से 2022-23 के लिए 7.2 फीसदी जीडीपी के आंकड़े ( GDP Data) के साथ बेहतर ग्रोथ आउटलुक ( Robust Growth Outlook) की तस्वीर पेश की गई.  साथ ही महंगाई में कमी के साथ दूसरे बेहतर मैक्रो-इकोनॉमिक फैक्टर्स (Macro-Economic Factors) का हवाला देकर रेटिंग अपग्रेड करने की मांग की गई है. 


वित्त मंत्रालय की तरफ से मूडीज के साथ सरकार के उधार लेने की योजना, विनिवश का लक्ष्य से लेकर राज्यों के बजट को लेकर चर्चा की गई है. फिलहाल मूडीज ने भारत को स्टेबल आउटलुक ( Stable Outlook)  के साथ Baa3 रेटिंग दिया हुआ है जो निवेश का सबसे निचला ग्रेड है. वित्त मंत्रालय दुनिया के दो दूसरी रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) और एस एंड पी (S&P) के साथ भी मुलाकात कर चुकी है. दोनों ने ही मई महीने के रिव्यू के दौरान भारत के लिए स्टेबल आउटलुक के साथ BBB- रेटिंग को बरकरार रखा है. 


इससे पहले गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में मूडीज ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के तेज गति से विकास करने के चलते उसके कर्ज के बोझ में कमी आने की उम्मीद है.  मूडीज ने कहा कि भारत के रोजकोषीय मजबूती और क्रेडिट प्रोफाइल में सुधार के लिए जरुरी है कर्ज में कमी लाना जरुरी है. मूडीज ने अनुमान जताया है कि भारत पर कर्ज के बोझ में कमी आएगी. 


किसी भी देश के रेटिंग पर उस देश में आने वाले विदेशी निवेश निर्भर करता है. विदेशी निवेशक उसी को देखकर निवेश बढ़ाते हैं. साथ ही विदेशी से लिए जाने वाले कर्झ की ब्याज दरें उसपर निर्भर करती है. 


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