Happiest Minds Employees Fired: देश में सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) सेक्टर में भारी उतार चढ़ाव देखा जा रहा है. आपको बता दें कि IT कंपनी हैपिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज (Happiest Minds) का कहना है कि कर्मचारियों का एक साथ दो संस्थानों के लिए काम करना यानी मूनलाइटिंग (Moonlighting) अस्वीकार्य है. साथ ही यह नौकरी के काॅन्ट्रैक्ट का उल्लंघन भी होता है. इससे पहले विप्रो मूनलाइटिंग (Wipro Moonlighting) ने एक साथ 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया.
कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई
कंपनी हैपिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज (Happiest Minds) का कहना है कि पिछले 6 से 12 महीनों में इस तरह की गतिविधियों में शामिल कुछ कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है. चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ में 33.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने वाली कंपनी के साथ 30 सितंबर, 2022 तक लगभग 4,581 कर्मचारी कार्यरत थे. कंपनी के भीतर मूनलाइटिंग प्रचलित नहीं है, लेकिन उसने उन कर्मचारियों की सटीक संख्या नहीं बताई जिनके खिलाफ इस मामले में कार्रवाई की है.
विप्रो ने क्या कहा
दिग्गज आईटी कंपनी (IT Compnay) विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Wipro Chairman Rishad Premji) के मूनलाइटिंग को 'धोखा' बताने के बाद से नौकरी के साथ अलग से भी काम करने का मुद्दा आईटी उद्योग में एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है. आईटी कंपनियों ने कहा कि वे एक साथ दो जगह काम करने की अनुमति नहीं देती हैं. जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा स्वतंत्र रूप से कोई अन्य काम भी करता है, तो उसे तकनीकी तौर पर 'मूनलाइटिंग' कहा जाता है.
Happiest Minds ने क्या कहा
हैपिएस्ट माइंड्स के वाइस चेयरमैन जोसफ अनंतराजू (Joseph Anantaraju, Vice Chairman of Happiest Minds) का कहना है कि, हम अपने कर्मचारियों के साथ इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं कि हम इसे (मूनलाइटिंग को) स्वीकार नहीं करेंगे. जब आप अनुबंध या रोजगार प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करते हैं, तो आप केवल उस कंपनी के लिए काम करने के लिए सहमत होते हैं. अनंतराजू ने कहा कि हमारे पास ऐसे कुछ मामले सामने आये हैं और हमने उन्हें तुरंत निकाल दिया क्योंकि यह एक संदेश है जिसे आप कंपनी में देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि भले ही किसी कर्मचारी ने कहीं कुछ घंटे ही काम किया हो लेकिन इसका पता लगाने का कोई तरीका नहीं है और इसलिए हमने यह कार्रवाई की. यह कार्रवाई पिछले 6 से 12 माह के बीच की है. हम स्पष्ट हैं कि आप मूनलाइटिंग नहीं कर सकते है.
विप्रो ने निकाले कर्मचारी
अनंतराजू का कहना है कि कंपनी में मूनलाइटिंग की गतिविधियां और उदाहरण बहुत ज्यादा नहीं है. इसी कारण कंपनी ने अपने लोगों को वापस कार्यालय में बुलाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, एक बार जब आप कार्यालय में वापस आ जाते हैं, तो इनमें से बहुत सी चीजों की गुंजाइश कम हो जाती है और इसे बहुत पहले ही पहचाना जा सकता है. टीसीएस जैसी कुछ कंपनियों ने इस पर चिंता जताई है जबकि विप्रो ने 300 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है.
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