सरकार देश की टैक्स व्यवस्था को लगातार पारदर्शी बनाने की कोशिश में लगी है. टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने फॉर्म 26AS में पहले से दिखाए जाने वाले आइटमों को बढ़ा दिया है. अब इस सूची में व्हाइट गुड्स पर्चेज, प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान, मेडिकल और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट और होटल बिल का पेमेंट भी शामिल हो जाएगा. अगर आप कोई व्हाइट गुड की खरीदारी करते हैं. प्रॉपर्टी टैक्स चुकाते हैं, मेडिकल या लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और होटल बिल का भुगतान करते हैं तो बिलर को इसकी सूचना सरकार को देनी होगी. आपके ये सारे खर्चे Form 26AS में दर्ज हो जाएंगे.


ये आइटम शामिल हो जाएंगे अब 26AS में 


20 हजार रुपये से ज्यादा के इश्योरेंस प्रीमियम, होटल बिल का भुगतान, 50 हजार रुपये से ज्यादा का बीमा प्रीमियम और एक लाख रुपये से ज्यादा की स्कूल फीस फॉर्म 26AS से जुड़ जाएगी. व्हाइट गुड्स, ज्वैलरी, मार्बल या पेंटिंग की खरीद की जानकारी 26AS से जुड़ेगी.


प्राॉपर्टी टैक्स 20 हजार से अधिक होने और बिजली बिल एक लाख रुपये से अधिक होने पर भी 26 AS में जुड़ेंगे. घरेलू और विदेशी दोनों ही बिजनेस क्लास एयर ट्रैवल की जानकारी भी सरकार के पास जाएगी.आपके खर्चे के ये सारे ब्योरे 26AS में दर्ज होने से ब्योरे टैक्स स्टेटमेंट में होंगे. 30 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति की खरीद, शेयरों में किया गया दस लाख रुपये का निवेश, म्यूचुअल फंड, डीमैट, क्रेडिट कार्ड और फिक्स डिपोजिट के जरिये 10 लाख रुपये से से ज्यादा के लेन-देन की सूचना देनी होती है.


ब्लैकमनी पर लगाम के लिए सरकार कर रही है उपाय 


दरअसल सरकार ने ब्लैकमनी की रोकथाम के लिए कुछ खास तरह के लेनेदेन और खरीद-बिक्री की जानकारी देना अनिवार्य बना दिया है. सरकार आंकड़ों पर ज्यादा निर्भर करके जांच के दायरे में आने वाले लोगों की संख्या कम करने की कोशिश कर रही है और डेटा एनालिटिक्स पर ज्यादा निर्भर करके ये संदेश दे रही है कि टैक्सपेयर्स को परेशान नहीं किया जाएगा.


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