जेपी इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट में फंसे हजारों घर खरीदारों के लिए एक अच्छी खबर आई है. रिजॉल्यूशन प्लान में मंजूरी के बाद प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सुरक्षा ग्रुप से 125 करोड़ रुपये का फंड मिला है. इससे हजारों घर खरीदारों के लिए जल्द अपना घर मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.
पिछले महीने मंजूर हुआ प्लान
जेपी इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट में 20 हजार से ज्यादा घर खरीदार फंसे हुए हैं. राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने पिछले महीने जेपी इंफ्राटेक के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूर किया था. 24 मई को एनसीएलएटी से मंजूर प्लान के तहत सुरक्षा ग्रुप ने अब जेपी इंफ्राटेक में 125 करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह निवेश प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए है.
निर्माण कार्य शुरू करने के लिए तैयार
सुरक्षा ग्रुप ने गुरुवार को इस निवेश की जानकारी दी. यह निवेश प्रमोटर इक्विटी के रूप में किया गया है और रिजॉल्यूशन प्लान के हिसाब से है. सुरक्षा ग्रुप का कहना है कि वह जेपी इंफ्राटेक की अटकी परियोजनाओं का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए तैयार है. सुरक्षा ग्रुप का कहना है कि उसका फोकस घर खरीदारों को समय पर घर डिलीवर करने पर है.
जेपी इंफ्राटेक पर इतना बकाया
जेपी इंफ्राटेक को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत अगस्त 2017 में एनसीएलटी में भेजा गया था. जेपी इंफ्राटेक के ऊपर आईडीबीआई बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईएफसीआई, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और घर खरीदारों का मिलाकर 22,600 करोड़ रुपये का बकाया है. उसमें 55 फीसदी यानी 12,714 करोड़ रुपये का बकाया सिर्फ घर खरीदारों का है. वहीं कुल बकाए में बैंकों की हिस्सेदारी 43 फीसदी यानी 9,234 करोड़ रुपये है.
10 साल से ज्यादा समय का इंतजार
जेपी इंफ्राटेक के अटके प्रोजेक्ट में नोएडा में ही हजारों घर खरीदार फंसे हुए हैं. ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा स्थित जेपी विशटाउन प्रोजेक्ट में ही लगभग 20 हजार लोगों के घर अटके हुए हैं. इस प्रोजेक्ट के खरीदार 10 साल से ज्यादा समय से अपने घर का इंतजार कर रहे हैं. बताया जाता है कि जेपी विशटाउन प्रोजेक्ट में लगभग 100 ऐसे अधूरे टावर हैं, जिनमें 2014 के बाद एक ईंट का काम नहीं हुआ है. रिजॉल्यूशन प्लान के तहत सुरक्षा ग्रुप से फंड मिलने के बाद उन खरीदारों को निर्माण कार्य शुरू होने और अपना घर मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.
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