EV Sale: पिछले साल इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर्स की बंपर बिक्री, इस कंपनी ने दी सबको मात
Electric 2-Wheelers Sale: भारत दोपहिया वाहनों के मामलों में दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है. वहीं सरकारी प्रोत्साहन से लेकर विकल्पों की भरमार से इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ रही है...
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार (Electric 2-Wheelers Market) तेजी से बढ़ रहा है. सरकारी प्रोत्साहनों, डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दाम और पर्यावरण के प्रति बढ़ी जागरूकता से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री (EV Sale) रफ्तार पकड़ रही है. खासकर इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री तो टॉप गियर पकड़ चुकी है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश भर में 7 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई और घरेलू कंपनी ओला इसमें अव्वल रही.
तीन गुणा बढ़ी बिक्री
रेडसियर की ताजा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी रिपोर्ट (Redseer Electric Mobility Report) के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 यानी अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के दौरान भारत में करीब 7.3 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बिके. यह आंकड़ा इससे पहले के वित्त वर्ष यानी 2021-22 की तुलना में 3 गुणा ज्यादा है. इससे पता चलता है कि भारतीय ग्राहक अब पर्यावरण के अनुकूल आवागमन के इस विकल्प को हाथों-हाथ ले रहे हैं.
ओला को मिला इतना हिस्सा
आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में घरेलू कंपनी ओला (Ola Electric) ने बाजार की अगुवाई की. ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटरों को खासा पसंद किया जा रहा है. इसके दम पर ओला इलेक्ट्रिक ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के बाजार की 22 फीसदी बाजार हिस्सेदारी को कब्जाने में सफलता हासिल की. इस तरह इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के बाजार में कई बड़ी कंपनियों की एंट्री के बाद भी ओला का नंबर वन पोजिशन बना हुआ है.
ओला की संभावनाएं बेहतर
मार्च तिमाही के दौरान तो ओला की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 30 फीसदी तक पहुंच गई. इससे संकेत मिलता है कि आने वाली तिमाहियों में भी अन्य प्रतिस्पर्धियों पर ओला की बढ़त बरकरार रह सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, ओला को अपने अलग रवैये से यह सफलता मिल रही है. कंपनी अपने ग्राहकों को एंड-टू-एंड डिजिटल एक्सपीरियंस दे रही है. इसके अलावा एक्सपीरियंस सेंटर्स, तकनीक पर केंद्रित उत्पाद और वाहनों को किफायती बनाने के प्रयासों से भी ओला को मदद मिल रही है.
तेजी से बढ़ने वाला है बाजार
रेडसियर का कहना है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारतीय ग्राहकों ने हर महीने लगभग 70 हजार इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की खरीदारी की. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पूरा दशक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए अच्छा साबित हो सकता है. रेडसियर का अनुमान है कि दोपहिया वाहनों के कुल बाजार में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की हिस्सेदारी अगले तीन साल में 30 फीसदी के स्तर को पार कर जाएगी और साल 2030 तक इनकी हिस्सेदारी 75 फीसदी तक पहुंच सकती है.
टू-व्हीलर्स का सबसे बड़ा बाजार
आपको बता दें कि भारत टू-व्हीलर्स के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है. देश में पिछले कई सालों से 1-1 करोड़ से ज्यादा दोपहिया वाहनों की बिक्री हो रही है. पिछले वित्त वर्ष में ही यह आंकड़ा 1.6 करोड़ के पार रहा था. यह इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के लिए शानदार अवसर मुहैया कराता है. अगर कंपनियों ने अच्छे से मौकों को भुनाया तो भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार गेमचेंजर साबित हो सकता है.
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