दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने का ऐलान करने के बाद अब तक सर्कुलेशन का ज्यादातर हिस्सा बैंकों में जमा हो चुका है. रिजर्व बैंक ने लेटेस्ट अपडेट में बताया है कि अब तक सर्कुलेशन के 97 फीसदी से ज्यादा 2000 रुपये के बैंकनोट वापस आ चुके हैं.
सेंट्रल बैंक ने शुक्रवार 1 दिसंबर को बताया कि 19 मई 2023 को 2000 रुपये के जितने नोट सर्कुलेशन में थे, उनमें से 97.26 फीसदी नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं. इसके साथ ही सेंट्रल बैंक ने बताया कि 2000 रुपये के नोट लीगल टेंडर बने हुए हैं और आगे भी लीगल टेंडर बने रहेंगे.
अब सर्कुलेशन में बचे इतने नोट
रिजर्व बैंक ने 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने का ऐलान किया था. सेंट्रल बैंक के इस फैसले को नोटबंदी से जोड़कर देखा गया और मिनी नोटबंदी के नाम से भी बुलाया गया. 19 मई 2023 के हिसाब से 2000 रुपये के जो नोट सर्कुलेशन में थे, उनकी वैल्यू 3.56 लाख करोड़ रुपये थी. 30 नवंबर 2023 का दिन समाप्त होने के बाद सर्कुलेशन में 2000 रुपये के जितने नोट रह गए हैं, उनकी वैल्यू सिर्फ 9,760 करोड़ रुपये रह गई है.
नोटबंदी के बाद किए गए पेश
रिजर्व बैंक ने नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 रुपये के नोट को पेश किया था. 19 मई 2023 को वापस लेने के ऐलान से काफी पहले ही रिजर्व बैंक ने इसका मन बना लिया था. रिजर्व बैंक ने 2019 में ही 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी थी. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2018 के समय 2000 रुपये के सर्कुलेटेड नोट की कुल वैल्यू 6.73 लाख करोड़ रुपये थी और यही 2000 के नोटों के सर्कुलेशन का उच्च स्तर है.
सितंबर तक का मिला था समय
रिजर्व बैंक की ओर से 2000 रुपये के नोटों के सर्कुलेशन को नियंत्रित करने के प्रयास तभी शुरू हो गए थे. इसी कारण रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई 2019 के बाद बंद कर दी थी. अंत में इस साल मई में रिजर्व बैंक ने इन्हें वापस लेने का ऐलान किया. उस समय रिजर्व बैंक ने लोगों को 2000 रुपये के नोट बदलने या बैंक अकाउंट में जमा कराने के लिए सितंबर तक का समय दिया था, जिसे बाद में बढ़ाया गया.
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