Morgan Stanley: अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली (morgan stanley rating agency) ने बृहस्पतिवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.9 प्रतिशत कर दिया है. कच्चे तेल की कीमतों पर रूस-यूक्रेन संघर्ष के असर को देखते हुए यह बदलाव किया गया है. मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने भारत में मुद्रास्फीति (Inflation rate) के अनुमान को भी बढ़ाकर छह प्रतिशत कर दिया है जो कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के संतोषजनक दायरे का ऊपरी स्तर है. इसके अलावा मौजूदा घटनाक्रम की वजह से मुद्रास्फीतिजन्य मंदी की आशंका भी जताई है.


बयान जारी कर दी जानकारी
ब्रोकरेज फर्म ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारा मत है कि मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव बाह्य जोखिमों को बढ़ा रहे हैं और अर्थव्यवस्था के लिए मुद्रास्फीति-जनित मंदी की आशंका भी पैदा हो रही है.’’ मुद्रास्फीति-जनित मंदी का आशय ऐसी स्थिति से है जब उत्पादन या वृद्धि में गतिहीनता आ जाए और मुद्रास्फीति भी ऊंचे स्तर पर बनी रहे.


जानें क्या है एक्सपर्ट की राय
विश्लेषकों ने चक्रीय पुनरुद्धार का रुझान कायम रहने की उम्मीद जताते हुए कहा कि ऐसा थोड़ा नरमी के साथ ही जारी रहेगा. उन्होंने भारत पर भू-राजनीतिक तनावों का कई तरह से असर पड़ने का जिक्र करते हुए कहा कि तेल एवं अन्य जिंसों के दामों में वृद्धि, व्यापार में गिरावट और कारोबारी धारणा को पहुंचे नुकसान से वित्तीय परिस्थितियां बिगड़ने की आशंका है.


क्रिसिल ने भी जारी की रेटिंग
मॉर्गन स्टेनली के उलट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत का वृद्धि दर अनुमान 7.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि बुनियादी ढांचा खर्च पर सरकार के जोर और निजी पूंजीगत व्यय बढ़ने से 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economic Growth) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी. रेटिंग एजेंसी (Crisil ratings) ने हालांकि आगाह किया कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध और जिंसों की बढ़ती कीमतों की वजह से वृद्धि के नीचे जाने का जोखिम बन सकता है. 


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